बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली में वाहनों की तेज रफ्तार हर दिन लोगों की जिंदगी छीन रही है. पिछले वर्ष 222 लोगों की मौत वाहनों की तेज ओवरलोड वाहन की संख्या में कमी रफ्तार के कारण हुई है. मगर इसके बाद भी रफ्तार में कमी नहीं आ रही है. सड़क एवं परिवहन विभाग ने वाहनों की ओवरलोडिंग को लेकर कड़ा फैसला लिया है. बिना फिटनेस, बीमा और बिना परमिट के दौड़ने वाले वाहनों पर शिकंजा कसने की तैयारियां शुरू की हैं. इसको लेकर ओवरलोडिंग और एमबी एक्ट के उल्लंघन पर 1 वर्ष में तीन और 5 वर्ष में 5 बार चालान होने पर वाहन का परमिट निरस्त करने का फैसला लिया है. यह निर्देश रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अफसरों को मिल गए हैं. इसके साथ ही बरेली शहर में नो एंट्री के बाद ही लोडिंग और अनलोडिंग के लिए वाहनों को प्रवेश दिया जाएगा.
नो एंट्री के दौरान शहर में कमर्शियल वाहन मिलने पर थाना पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के संबंधित दरोगा, सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश मिले हैं. टोल प्लाजा पर ओवरलोड वाहनों पर निगाह रखी जा रही है. जिसके चलते पिछले दिनों टोल प्लाजा से 1000 से अधिक वाहन गुजरे हैं. इनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. बरेली में 6382 यूपी परमिट और ऑल इंडिया परमिट के 7858 रजिस्टर्ड (पंजीकृत) हैं. ऑटो परमिट में भी बड़ा खेल चल रहा है. भाई को परिवार का सदस्य बता परमिट को गिफ्ट के रूम में ट्रांसफर करने का मामला सामने आया है. इसके बाद ऐसे परमिट पर रोक लगाई गई है. अब पत्नी और बच्चों को ही परमिट ट्रांसफर होगा. मगर, इसके अलावा किसी को गिफ्ट और बिक्री करने का अधिकार नहीं दिया जाएगा.
तेज रफ्तार ने एक वर्ष में 222 लोगों की जिंदगी निगल ली है. बिना हेलमेट वाहन चलाना सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है. वर्ष 2022 में 962 सड़क हादसे हुए थे. इसमें 435 लोगों की मौत हुई और 830 लोग घायल हुए हैं. 222 लोगों की जान तेज रफ्तार के कारण हुई. यह मौतें हेलमेट पहने पहनकर बचाई जा सकती थी. इसके साथ ही गलत दिशा के कारण 190 हादसे हुए, इसमें 73 लोगों की मौत हुई और 155 घायल हुए हैं.शराब पीकर गाड़ी चलाने के चलते 40 हादसे हुए हैं. इसमें 24 लोगों की मौत हुई और 28 लोग घायल हुए हैं. देशभर में रोड सेफ्टी सेल की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष 41000 से अधिक हादसे हुए हैं. इसमें 22595 लोगों की मौत हुई है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद , बरेली