Pakistan Inflation: पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट में फंसा हुआ है और फिलहाल अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. पड़ोसी देश में महंगाई इतनी अधिक बढ़ गई है कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. लोग रोजाना की जरूरी चीजें भी नहीं खरीद पा रहे हैं और हजारों परिवारों के सामने भुखमरी की समस्या है. पाकिस्तान में आटा, घी, सब्जी से लेकर दूध, मांस और पेट्रोलियम पदार्थ तक की कीमतें आसमान छू रही हैं.
पाकिस्तान में मार्च महीने में सीपीआई मुद्रास्फीति 50 साल के उच्च स्तर 35.37 फीसदी पर पहुंच गई है. सांख्यिकी विभाग द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता कीमतें एक साल पहले की तुलना में 35.37 फीसदी बढ़ी हैं. अर्थशास्त्री इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद जताई है. केंद्रीय बैंक ने बढ़ती मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए बेंचमार्क ब्याज दर को 300 बीपीएस को बीस फीसदी तक बढ़ा दिया है. आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में परिवहन की कीमतें 54.94 फीसदी चढ़ गईं, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में 47.15 फीसदी बढ़ी. कपड़ों और जूतों की कीमतों में 21.93 फीसदी और आवास, पानी और बिजली की कीमतों में 17.49 फीसदी की वृद्धि हुई है.
पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची स्थित एक रमजान खाद्यान्न वितरण केंद्र पर मची भगदड़ में बच्चों और महिलाओं सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भगदड़ की घटना तब हुई, जब खाना बांटने के समय कुछ लोगों ने अनजाने में बिजली के तार पर पैर रख दिया, जिसके बाद लोग एक दूसरे को धक्का देकर भागने लगे और इस दौरान कुछ लोग नजदीकी नाले में गिर गए. अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं और बच्चों सहित 12 लोग भगदड़ में मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमीरुल्ला ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया, शुरुआत में बिजली के तार की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हुई, जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया और भगदड़ मच गई. उन्होंने बताया, भीड़ की वजह से नाले की दीवार ढह गई और उसमें दो बच्चे और दो महिलाएं गिर गईं. कराची की घटना के बाद पाकिस्तान में खाद्यान्न वितरण केंद्रों पर मची भगदड़ में मारे गए लोगों की संख्या कम से कम 22 हो गई है. गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले सप्ताह मुफ्त खाद्यान्न वितरण की योजना शुरू की थी.
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