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World Cup 2011: ‘धोनी फिनिशेज ऑफ इन स्‍टाइल..’ जब 28 साल के लंबे इंतजार के बाद भारत का सपना हुआ था पूरा

India Won World Cup 2011: आज ही के दिल 12 साल पहले भारत ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एमएस धोनी की अगुवाई में दूसरा वर्ल्ड कप जीता था. धोनी ने फाइनल में विजयी छक्का लगाकर 28 साल के इंतजार को खत्म कर भारत को वर्ल्ड कप जिताया था.

India won ODI World Cup: आज ही के दिन 2011 भारतीय टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा था. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मुकाबले में विजयी छक्का जड़कर भारत को वर्ल्ड कप ट्रॉफी जिताई थी. 2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर दूसरी बार वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम की थी. टीम ने इस खिताब को मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को समर्पित किया था.

धोनी फिनिशेज ऑफ इन स्‍टाइल…

धोनी फिनिशेज ऑफ इन स्‍टाइल… रवि शास्त्री के जादुई शब्द सुन भारतीय फैंस अब भी 2011 वर्ल्ड कप की यादों में खो जाते हैं. जब क्रीज भारतीय कप्तान एमएस धोनी मौजूद थे और पूरे भारत की सांसे थमी हुईं थी. तब धोनी ने श्रीलंका के नुवान कुलसेकरा की गेंद पर जोरदार छक्का जड़कर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के 28 साल के इंतजार को खत्म कर भारत को दूसरा वर्ल्ड कप जिताया था. इसी मैच में कप्तान धोनी ने नाबाद 91 रन बनाए थे. इससे पहले टीम इंडिया ने सिर्फ एक बार 1983 में यह खिताब जीता था. तब कप्तान कपिल देव थे.


गंभीर की दमदार पारी ने तोड़ा था श्रीलंका का सपना

2011 वनडे वर्ल्ड कप में कप्तान धोनी समेत हरफनमौला प्लेयर युवराज सिंह और ओपनर गौतम गंभीर ने शानदार प्रदर्शन किया था. वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंकाई टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे. तब महेला जयवर्धने ने 103 रन की नाबाद शतकीय पारी खेली थी. जवाब में टीम इंडिया ने 4 विकेट पर 277 रन बनाते हुए मैच और खिताब अपने नाम कर लिया था. फाइनल में भारत के लिए गौतम गंभीर ने सबसे ज्यादा 97 रन की पारी खेली थी. वे शतक से चूक गए थे. इस दौरान उन्होंने धोनी के साथ मिलकर 109 रन की शतकीय साझेदारी की थी.


युवराज बने थे प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट

वहीं, 2011 वर्ल्ड कप में सिक्सर किंग युवराज सिंह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे. उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में गेंद और बल्ले से धमाल मचाया था. युवी ने वर्ल्ड कप में 362 रन बनाए थे और 15 अहम विकेट भी झटके थे. हालांकि, टीम इंडिया के लिए सचिन ने सबसे ज्यादा 482 रन बनाए थे.

सचिन को किया था वर्ल्ड कप ट्रॉफी समर्पित

बता दें कि यह सचिन तेंदुलकर का आखिरी वर्ल्ड कप भी था, ऐसे में टीम इंडिया ने यह खिताब मास्टर ब्लास्टर को समर्पित किया था. तब विराट कोहली ने सचिन को अपने कंधों पर बैठाकर मैदान का चक्कर लगाया था. उनके पीछे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह, गौतम गंभीर समेत बाकी पूरी टीम चल रही थी. बता दें कि इसी साल जनवरी में सचिन तेंदुलकर का ‘2011 वर्ल्ड कप विनिंग मूमेंट’ लॉरेस अवॉर्ड में शामिल किया गया और इसने जीत भी हासिल की.

भारत से तीसरे वर्ल्ड कप का इंतजार

भारत ने 1983 के बाद दूसरी बार यह खिताब 2011 में जीता था. वहीं, अब टीम इंडिया को अपने तीसरे खिताब की तलाश है, जो इसी साल पूरी हो सकती है. दरअसल, इसी साल के अंत में भारत की मेजबानी में ही वनडे वर्ल्ड कप खेलना है. 2011 में भी वर्ल्ड कप भारत में हुआ था. ऐसे में इस बार फिर भारत को तीसरा खिताब जीतने की पूरी उम्मीद है.

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