लखनऊ. उत्तर प्रदेश में मुगलों का इतिहास अब ‘इतिहास’ बन गया है. राज्य के यूपी बोर्ड और सीबीएसई (CBSE ) दोनों बोर्ड के विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राएं जिन किताबों से पढ़ेंगे उनमें अब ‘मुगल’ नहीं होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुगल इतिहास को पाठ्यक्रम से हटाने का निर्णय लिया है. सीएम ने शनिवार को स्कूल चलो अभियान- 2023 की शुरुआत की थी. अमेरिका को शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में पेश करने वाले पाठों को भी पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है. योगी सरकार मुगलसराय, इलाहाबाद और फैजाबाद आदि मुगल काल के नाम वाली कई जगहों के नाम पहल ही बदल चुकी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश (UP) सरकार ने शैक्षिक सत्र 2023-24 से 12वीं के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है. जिन पाठ को हटाया गया है उनमें ‘मुगल दरबार ‘ मुख्य है. कक्षा 11 की किताबों में अब समय की शुरुआत , औद्योगिक क्रांति, इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव जैसे पाठ नहीं होंगे. नागरिक शास्त्र से शीतयुद्ध और अमेरिकी वर्चस्व का पाठ भी हटा दिया गया है. हालांकि इस मामले को लेकर विपक्षी दल विशेषकर बसपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी निकाय चुनाव में मुद्दा बनाकर भुनाने की कोशिश कर सकते हैं.
राज्य के यूपी बोर्ड और CBSE दोनों बोर्ड की किताबों से मुगल इतिहास हटाए जाने से सरकार को उम्मीद है कि छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘ इस काम को चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. आगरा में मीडिया से बात करते हुए कहा ‘ हमारे बच्चों को इतिहास के बारे में जो उल जलूल पढ़ाया गया उसको बदलने की जरूरत है. नये पाठ्यक्रम से हमारे बच्चों का नजरिया भी बदलेगा . आज तुष्टीकरण, परिवारवाद, जातिवाद की राजनीति खत्म हो गई है. जिससे राष्ट्र का भला हो रहा है.’ डिप्सी सीएम ने सरकार के निर्णय की सराहना की है.