मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बिहार के युवाओं को 20 लाख रोजगार देने के वादे को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के 75वां स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि आयोग बेहतर ढंग से परीक्षा ली जाए. ताकि युवाओं से जल्द से जल्द रोजगार मिले. उन्होंने कहा कि आयोग का और विस्तार हो और जिम्मेदारी सौंपी जाये ताकि और बेहतर ढंग से काम हो सके. परीक्षा कार्य का संचालन बेहतर और पारदर्शी ढंग से हो. उन्होंने बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद से कहा कि अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में अधिक नंबर और साक्षात्कार में कम नंबर आने के मामले पर भी गौर करें. अभ्यर्थियों का मूल्यांकन पारदर्शी और बेहतर ढंग से हो ताकि किसी को कोई शिकायत नहीं हो. एक बार पेपर लीक का मामला सामने आया तो उस परीक्षा को कैंसिल करवाकर फिर से शीघ्र परीक्षा ली गयी थी.
नीतीश कुमार ने कहा कि बीपीएससी की स्थापना एक अप्रैल, 1949 में हुई थी जिसका मुख्यालय रांची में था, लेकिन वर्ष 1951 में इसका मुख्यालय रांची से पटना स्थानांतरित किया गया. आयोग में एक अध्यक्ष के साथ पहले 10 सदस्य हुआ करते थे, लेकिन बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद अध्यक्ष के साथ सदस्यों की संख्या छह कर दी गयी. अभी छह सदस्यों में से तीन ही सदस्य कार्यरत हैं. तीन सदस्य सेवानिवृत्त हुए हैं, जिनका स्थान रिक्त है. कार्यक्रम में बीपीएससी से संबंधित एक स्मारिका का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया. कार्यक्रम में बिहार लोक सेवा आयोग पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी.
वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार के नीतियों की सफलता लोकसेवकों के आचरण पर निर्भर है. प्रजातांत्रिक और समाजवादी दिशा की सरकार होने पर लोक प्रशासन और लोकसेवकों का महत्व बढ़ जाता है. मुख्यमंत्री यह चाहते हैं कि रिक्त पदों पर पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से चयन हो और मेधा वाले लोग चयनित हों. उन्होंने तमिलनाडु प्रकरण का उदाहरण देकर कहा कि समाज के प्रति मीडिया की भी जवाबदेही है.
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि आयोग के भीतर कभी सेंधमारी नहीं हुई. केवल गलत हरकत करने वाले बाहर से प्रयास में लगे रहते हैं और अफवाह फैलाते हैं. उन्होंने कहा कि आयोग की सभी आवश्यकताओं को सरकार उपलब्ध करवायेगी.
आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि देश में बीपीएससी का कामकाज मिसाल बन गया है. यह स्केलिंग और मॉडेरेशन लागू करने वाला पहला राज्य है. यहां की तर्ज पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश कुछ मामलों में अनुसरण कर रहे हैं. साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र के लोक सेवा आयोग भी अपने यहां लागू करने की मांग कर रहे हैं. 67वीं और 68वीं बीपीएससी पीटी का डेढ़ महीने में सफलता पूर्वक आयोजन किया गया. गुजरात और महाराष्ट्र में चार-पांच महीने में भी परीक्षाफल का प्रकाशन नहीं हुआ. वहीं बीपीएससी के सदस्य इम्तियाज अहमद करीमी ने कहा कि 18 वर्ष में 479 विज्ञापनों से करीब एक लाख बहाली हुई. वहीं 2021 में करीब 1400 डिप्टी कलेक्टर व समकक्ष का परीक्षाफल घोषित किया गया. आगे भी लोग लगे हैं.