मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में 36 लोगों की दर्दनाक मौत के तीन दिन बाद आज मंदिर में अवैध निर्माण को गिराने के लिए पांच से अधिक बुलडोजर चलाये गये. बिना किसी व्यवधान के कार्रवाई को सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम और पुलिस अधिकारियों की एक बड़ी टुकड़ी सोमवार सुबह मंदिर पहुंची. किसी भी संभावित प्रतिरोध को रोकने के लिए चार थानों के कर्मियों को तैनात किया गया है. मौके पर उप नगर आयुक्त, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे
#WATCH | Madhya Pradesh: Indore municipality deploys bulldozer & demolishes illegal structure at Indore temple where 36 people died after the stepwell collapse there last week. pic.twitter.com/gpRJB6zWhN
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 3, 2023
आपको बताएं कि, रामनवमी के दिन बलेश्वर महादेव मंदिर में हुए दर्दनाक हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी. मंदिर क्षेत्र जो ढह गया वह एक अवैध ढांचा था और इंदौर नगर निगम ने पिछले साल विध्वंस के लिए बावड़ी के कवर को चिह्नित किया था, लेकिन मंदिर ट्रस्ट द्वारा धार्मिक भावनाओं को आहत करने की चेतावनी के बाद वे पीछे हट गए थे. 200 साल पुरानी बावड़ी चार लोहे के गर्डरों, कंक्रीट की एक पतली परत और टाइलों से ढकी हुई थी, जो रामनवमी पर पूजा करने के लिए इकट्ठा हुई भीड़ का वजन उठाने में असमर्थ होने की वजह से ढह गई थी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को अपने निवास कार्यालय से जिलाधिकारियों को वर्चुअली संबोधित किया और पारंपरिक प्राचीन कुओं और बावड़ियों की पहचान कर उनकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बिना भरे हुए कुओं और बावड़ियों को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहें. यदि कोई ऐसी जगह है तो उसे खोलकर ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे दुर्घटना की संभावना न रहे.
उनके आदेश के बाद इंदौर जिला प्रशासन ने भी सीआरपीसी की धारा 144 के तहत सभी बावड़ियों को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश जारी किया था. कलेक्टर इलैयाराजा टी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जिले भर में सभी बावड़ियों और कुओं का सर्वेक्षण किया जाएगा और जो जीर्ण-शीर्ण हैं, उन्हें खतरनाक चिह्नित किया जाएगा.
वहीं मंदिर ट्रस्ट के दो पदाधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया है. अवैध निर्माण नहीं हटाने पर नगर निगम के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भीषण दुर्घटना में पीड़ितों के परिवारों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की और मजिस्ट्रियल जांच के भी आदेश दिए हैं.