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झारखंड की दयामणि बारला का नाम यूमास लोवेल्स 2023 ग्रील स्कॉलर के लिए नामित, इस वजह से मिला ये सम्मान

दयामणि बारला ने जलविद्युत शक्ति और इस्पात संयंत्र परियोजनाओं का प्रस्ताव करने वाले बहुराष्ट्रीय निगमों के खिलाफ राजनीतिक आंदोलनों का नेतृत्व किया. उन्होंने आदिवासियों के कई आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.

झारखंड की पहली आदिवासी पत्रकार और आयरन लेडी के नाम से मशहूर दयामणि बारला को यूमास लोवेल्स 2023 ग्रील स्कॉलर के लिए नामित किया गया है. मैसाचुसेट्स लोवेल विश्वविद्यालय के एक अंग्रेजी प्रोफसर ने इस बारे में कहा कि लोवेल विश्वविद्यालय शांति अध्ययन के लिए 2023 यूनानी विद्वान के रूप में दयामणि बारला का स्वागत करने के लिए रोमांचित है. स्वदेशी, पर्यावरण और लैंगिक न्याय के लिए उनका काम हम सभी को प्रेरित और एकजुट करता है.

कौन है दयामणि बारला

आपको बता दें कि दयामणि बारला ने जलविद्युत शक्ति और इस्पात संयंत्र परियोजनाओं का प्रस्ताव करने वाले बहुराष्ट्रीय निगमों के खिलाफ राजनीतिक आंदोलनों का नेतृत्व किया. साथ ही उन्होंने एक पत्रकार के तौर पर आदिवासी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसा को कई बार अपनी रिपोर्ट के जरिये लोगों को सामने रखा. उन्होंने कई आदिवासियों के कई आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.

एलेन एल लुज अवार्ड से किया जा चुका है सम्मानित

झारखंड में आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बारला को एलेन एल लुज अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. न्यूयार्क की मैसाच्युसेट्स के एक एनजीओ ने इस अवार्ड के तहत तहत दयामणि को 10,000 डॉलर दिया था. दयामणि को यह अवार्ड 23 मई को अमेरिकन इंडियन म्यूजियम में आयोजित समारोह में दिया गया था. इस अवार्ड के सेलेक्शन पैनल का कहना था कि झारखंड के भूमि अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली दयामणि के काम ने आदिवासियों के जीवन में आशा और बदलाव लाये हैं.

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