बरसोल, गौरब पाल. इंडियन प्रीमियर लीग बीते शुक्रवार से शुरू हो गई. इसके साथ ही मैच को लेकर जमशेदपुर के चाकुलिया, बहरागोड़ा व बरसोल सहित पश्चिम बंगाल अंतर्गत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन माध्यम से लाखों करोड़ों रुपये दांव पर लगने शुरू हो गए हैं. ऑनलाइन संचालित होने वाले इस अवैध धंधे पर अंकुश लगाने के लिए बहरागोड़ा, चाकुलिया, शामसुंदरपुर, बरसोल थाने की पुलिस के पास फिलहाल कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है. बरसोल थाना प्रभारी रामदयाल उरांव का कहना है कि हम लोग अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं और सटीक सूचना के आधार पर ठोस कार्रवाई कर रहे है.
मोबाइल के जरिये सब कुछ हो जाता है संचालित
गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद लाइसेंसी ड्रीम इलेवन, MPL, होवज़त, चॉइस इलेवन, A23 सहित कई एप्स और व्हाट्सएप सहित सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म के जरिये संचालित होने वाले इस खेल में तकनीक इतना ज्यादा हावी है कि एक मोबाइल के जरिये सब कुछ संचालित हो जाता है और पुलिस को भनक तक नहीं लग पाती है. मैच में टॉस जीतने-हारने, टीम के रन, खिलाड़ी के व्यक्तिगत प्रदर्शन, चौके-छक्के और हार-जीत पर रोजाना करोड़ों का वारा-न्यारा होता है.
हाइटेक तरीके से काम कर मोटी कमाई करने की तैयारी
जानकारी के मुताबिक सटोरिया इस बार और ज्यादा हाइटेक तरीके से काम कर मोटी कमाई करने की तैयारी में हैं. इस बार शहर के सट्टेबाजों ने पुलिस से बचने के लिए हाइटेक रास्ता अपनाया है. पुलिस तकनीकी रूप से बहुत समृद्ध नहीं है, इसी वजह से सटोरिये आईपीएल के हर सीजन में मात देते नजर आते हैं. इसी वजह से आईपीएल में हर साल कई लोग सट्टेबाजी में इस कदर बर्बाद होते हैं कि उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है.
पुलिस इस बार और ज्यादा सक्रिय
यदि पुलिस को आइपीएल में सटोरियो को पकड़ना है तो इस बार और ज्यादा सक्रिय होना पड़ेगा. क्रिकेट सट्टेबाज इस बार ग्राहकों से सौदा करने के लिए कैश बैक एक्सचेंज आइडी का इस्तेमाल करने जा रहे हैं. चाकुलिया के नया बाजार, पुराना बाजार, बहरागोड़ा व बरसोल क्षेत्र के कई सारे गांव के कई युवा इस धंधे में शामिल हैं.
धंधे में कई सरकारी कर्मचारी भी शामिल
सूत्रों के मुताबिक बरसोल के एक पंचायत में सट्टेबाजी काफी जोर-शोर से चलाये जाने की सूचना मिल रही है. इस धंधे में कई सरकारी कर्मचारी के भी शामिल होने की सूचना है. पुलिस प्रशासन से बचने के लिए इस बार सटोरिये अलग-अलग मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं. पैसों के कैश लेनदेन के बजाय अब गूगल पे और पेटीएम का सहारा लेने की बात सामने आयी है. बता दें कि आइपीएल मैचों में सट्टेबाजी पिछले कई साल से क्षेत्र में चरम पर है. बेरोजगार युवा अपने पिता के पैसों को सट्टेबाजी के चक्कर में बर्बाद कर रहे हैं.
ऐसे होती है सट्टेबाजी का खेल
ड्रीम इलेवन, एम पी एल, होवजत, चॉइस इलेवन, A23 सहित कई एप्स प्ले स्टोर पर मिलने वाले एप्लीकेशन पर 115 कॉन्टेस्ट डेली खेला जा रहा है. उसमें से हर व्यक्ति को 15 रुपया से लेकर 10 हजार रुपया तक ड्रीम टीम चुन कर पैसा देना पड़ता है. रात 12 बजे से लेकर आईपीएल क्रिकेट चालू होने के समय तक पैसा लगाया जाता है. लेकिन यह खेल एक जुआ की तरह है. एक बार मन में हावी हो जाने के बाद हर दिन खेलने को मन करता है. ऐसा करके हर दिन युवा अपने कमाई का हिस्सा इस खेल में लगाकर डूबा रहे हैं.