लखनऊ. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बीजेपी की ओर से विधान परिषद के लिए छह नामों का प्रस्ताव राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेज दिया है. पिछले साल अप्रैल-मई से सीटें खाली पड़ी हैं. जिसके बाद अब दस महीने का लंबा इतंजार पूरा होता नजर आ रहा है. योगी सरकार की ओर से विधान परिषद के लिए जो नाम भेजे गए हैं उनमें कई बड़े नाम शामिल हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रजनीकांत माहेश्वरी (पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष, ब्रज भाजपा), साकेत मिश्रा (पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य, नृपेंद्र मिश्र के पुत्र), लालजी प्रसाद निर्मल (अंबेडकर महासभा), तारिक मंसुरी (वीसी एएमयू), रामसुभग राजभर (अधिवक्ता, आजमगढ़), हंसराज विश्वकर्मा (भाजपा जिलाध्यक्ष, काशी) के नाम मनोनयन के लिए भेजे हैं.
अब बीजेपी के ओर से लंबे इंतजार के बाद एमएलसी के नामों के फाइनल हो जाने से उपचुनाव की तैयारी तेज हो गई है. हालांकि सूत्रों की मानें तो मशहूर कवि कुमार विश्वास को भी MLC के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन उन्होंने राज्यसभा जाने की इच्छा जता कर विधान परिषद जाने से इनकार कर दिया. पार्टी के ओर से अगले कुछ दिनों में उपचुनाव को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी. बीजेपी ने उपचुनाव के लिए ही निकाय चुनाव की तैयारी भी मिशन मोड में शुरू कर दी है.
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योगी सरकार ने जिन 6 नामों का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा है, उसमें पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे निपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा का नाम भी शामिल है. नृपेंद्र मिश्रा वर्तमान में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन हैं. इसके साथ ही वे पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य भी है. साकेत मिश्रा ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस से अर्थशास्त्र में स्नातक किया है और आईआईएम कलकत्ता से एमबीए किया है. साकेत मिश्रा ने 1994 में IPS भी बने, लेकिन फिर IPS की नौकरी छोड़कर बैंक में नौकरी शुरू कर दी. साकेत मिश्रा ने कई अन्तर्राष्ट्रीय बैंकों में अच्छे पदों पर रहने के बाद अब राजनीति में एक्टिव हैं.
लालजी प्रसाद निर्मल बाबा साहब डॉ. अंबेडकर महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के चेयरमैन है. डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल को भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र के संचालन के लिए मार्च के पहले सप्ताह प्रबंध समिति का अध्यक्ष चुना गया. वहीं एएमयू कुलपति तारिक मंसूर इससे पहले जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज और अस्पताल के प्रिंसिपल थे. वे एएमयू में सर्जरी विभाग के प्रोफेसर रहे हैं. एएमयू कुलपति तारिक मंसूर अकादमिक सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं.