शिवपुर हिंसा के मामले में अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पुलिस पर नकेल कसनी शुरू कर दी है. सोमवार को एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने हावड़ा के पुलिस आयुक्त प्रवीण त्रिपाठी को पत्र लिख शिवपुर हिंसा में बच्चों का इस्तेमाल किये जाने पर रिपोर्ट तलब किया. उन्होंने सीपी को दो दिनों का वक्त दिया है. एनसीपीसीआर चेयरमैन ने कहा कि शिवपुर में पिछले दिनों हुई हिंसा में बच्चों को पत्थर फेंकते देखा गया है.
ऐसा लगता है कि पत्थर फेंकने के लिए उपद्रवियों ने बच्चों का इस्तेमाल किया. यह बच्चों को हिंसक प्रवृति में इस्तेमाल करने के लिए गुमराह करने जैसा है. उन्होंने अपने ट्यूटर पर एक लिंक भी शेयर किया है, जिसमें कुछ बच्चे एक कॉम्प्लेक्स पर पत्थर फेंकते दिख रहे हैं. उनके साथ अन्य लोग भी पथराव कर रहे हैं.
एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें एक ऐसा वीडियो मिला है, जिसे देखकर लग रहा है कि शिवपुर हिंसा में बच्चों का किसी ने इस्तेमाल किया है. अंडर सेक्शन 83(2) जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अनुसार इस तरह के कार्यकलापों में बच्चों का इस्तेमाल गैरकानूनी है. हमने हावड़ा के पुलिस कमिश्नर से उन बच्चों को तुरंत पहचान करने और उन्हें बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सामने प्रस्तुत करने को कहा है. यह भी कहा है कि जिन लोगों ने बच्चों का इस्तेमाल हिंसा फैलाने के लिए किया है, उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए. साथ ही उन बच्चों की काउंसिलिंग भी करायी जाये.
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रिसड़ा जा रहे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सुकांत मजूमदार के काफिले को चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस ने कोन्नगर में ही रोक दिया. पुलिस का कहना था कि वहां जाने पर फिर से अशांति फैल सकती है. मजूमदार के काफिले में पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो भी थे. दोनों नेताओं को पुलिस ने कोन्नगर नगरपालिका के एक नंबर वार्ड के विश्व लक्खीतल्ला इलाके में रोक दिया. पुलिस ने वहां पहले ही बैरिकेडिंग कर रखी थी, ताकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के काफिले को रोका जा सके .जैसे ही उनका काफिला विश्वा लक्खीतल्ला पहुंचा पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
इस दौरान भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया था. इस घटना के प्रतिवाद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन किया. राज्य सरकार और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. श्री मजूमदार ने कहा कि विवादित जगह पर जब तृणमूल के सांसद विधायक, चेयरमैन और पार्षद जा सकते हैं, तो फिर भाजपा के प्रतिनिधियों को क्यों रोका जा रहा है. क्या कानून दोनों के लिए अलग-अलग है. इस दौरान पुरुलिया सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, पार्षद शशि सिंह झा, मनोज सिंह, श्रीरामपुर जिला सांगठनिक अध्यक्ष मोहन अदक, भाजपा हुगली सांगठनिक जिलाध्यक्ष तुषार मजूमदार सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे.