Mughal History: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) द्वारा मुगल इतिहास पर अध्यायों को हटाने के फैसले के बाद विवाद खड़ा हो गया, शिक्षा निकाय के प्रमुख ने अब एक स्पष्टीकरण जारी किया है. एएनआई से बात करते हुए, एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि मुगलों के अध्यायों को नहीं छोड़ा गया है. “यह झूठ है. (अध्याय पर) मुगलों को गिराया नहीं गया है. पिछले साल एक युक्तिकरण प्रक्रिया थी क्योंकि COVID के कारण हर जगह छात्रों पर पढ़ाई को लेकर दबाव था.
एनसीईआरटी के निदेशक ने बहस को अनावश्यक बताते हुए कहा कि विशेषज्ञ समिति ने सिफारिश की है कि यदि अध्याय को हटा दिया जाता है, तो इससे बच्चों के ज्ञान पर कोई असर नहीं पड़ेगा और एक ‘अनावश्यक बोझ’ को हटाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बहस अनावश्यक है, जो नहीं जानते, वे पाठ्यपुस्तकों की जांच कर सकते हैं….
#WATCH | Dinesh Prasad Saklani, Director of NCERT says, "It's a lie. (Chapters on) Mughals have not been dropped. There was a rationalisation process last year because due to COVID, there was pressure on students everywhere…Expert committees examined the books from std 6-12.… pic.twitter.com/647wdsPSSR
— ANI (@ANI) April 4, 2023
एनसीईआरटी के निदेशक ने कहा कि हम NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) 2020 के अनुसार काम कर रहे हैं. यह एक संक्रमण का चरण है, एनईपी 2020 कंटेंट लोड को कम करने की बात करता है. हम इसे लागू कर रहे हैं. स्कूली शिक्षा के लिए एनसीएफ (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क) बन रहा है, इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. NEP के अनुसार 2024 में पाठ्यपुस्तकें छपेंगी.
एचटी के अनुसार एनसीईआरटी ने शैक्षणिक सत्र 2023 से 12वीं कक्षा में पढ़ाए जाने वाले अपने नए तर्कसंगत पाठ्यक्रम के तहत इतिहास की किताब ‘थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट II’ से ‘किंग्स एंड क्रॉनिकल्स: द मुगल कोर्ट्स’ से संबंधित अध्यायों और विषयों को हटा दिया है. यहां तक कि यूपी बोर्ड के सरकारी स्कूल भी इस शैक्षणिक सत्र से एनसीईआरटी कक्षा 12 की इतिहास की नई पाठ्यपुस्तकों को अपनाएंगे.
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पीटीआई के हवाले से कहा कि हम अपने छात्रों को एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल करके पढ़ाते हैं…संशोधित संस्करण में जो कुछ भी है, उसका पालन किया जाएगा.
अपर मुख्य सचिव (बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा) दीपक कुमार ने कहा, ‘हम एनसीईआरटी की किताबों का पालन करते हैं और जो भी संशोधित संस्करण में उपलब्ध है, उसका पालन हम 2023-24 सत्र से राजकीय विद्यालयों में करेंगे.