गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में रहने वाले जानवरों और पक्षियों की खानपान में बदलाव किया गया है. क्योंकि बढ़ती गर्मी को देखते हुए उनके रहने और खान-पान का विशेष ध्यान दिया जाता है. जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति अच्छी बनी रहे. वहीं इस समय उद्यान में रहने वाली शेरनी मरियम गंभीर रूप से बीमार हो गई है. उसने कई दिनों से खाना पीना छोड़ दिया है. चिड़ियाघर की स्वास्थ विभाग की टीम उसके इलाज में लगी हुई है. चिड़ियाघर प्रशासन ने इसकी जानकारी राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण के साथ ही शासन को भी दे दी है. शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि शेरनी मरियम अपनी उम्र पूरी कर चुकी है. एक शेरनी की उम्र अधिकतम 18 वर्ष होती है और मरियम की उम्र 20 वर्ष हो चुकी हैं. उन्होंने बताया कि उर्म ज्यादा होने की वजह से उसके जबड़े में ताकत कम लग रहा है, जिससे उसे मांस खाने में दिक्कत हो रही है. इसलिए उसे मुलायम खाद्य पदार्थ दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कमजोर होने की वजह से उसका भोजन भी नहीं के बराबर हो गया है.
फिलहाल मरियम को समय-समय पर विटामिन और इलेक्ट्रोलाइट से मजबूती देने का प्रयास किया जा रहा है. किसी प्रकार का कोई परेशानी उसे ना हो इसलिए मरियम का इलाज उसके बाड़े में ही हो रहा है. चिड़ियाघर के डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि मरियम को जब 2 वर्ष पहले इटावा सफारी से गोरखपुर के चिड़ियाघर में लाया गया था, तभी वह अपनी उम्र पूरी कर चुकी थी. लेकिन, अतिरिक्त सावधानी बरतने की वजह से वह आज भी चिड़ियाघर में मौजूद है. उन्होंने बताया कि मरियम का इलाज अगर अस्पताल में रखकर किया जाएगा तो उसे खुला जगह नहीं मिलेगी. जिसका प्रभाव उसके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है.फिलहाल, चिड़ियाघर प्रशासन शेरनी मरियम के इलाज में जुटा हुआ है.
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निदेशक डॉक्टर एच राजा मोहन ने बताया कि मरियम के स्वास्थ्य को लेकर चिड़ियाघर प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम ने इलाज के लिए भेजी जाएगी. बताते चलें चिड़ियाघर में एक मादा लकड़बग्घे ने पखवारा भर पहले एक बच्चे को जन्म दिया था. लेकिन, बीते रविवार को बच्चे ने दम तोड़ दिया. बच्चे की मौत कैसे हुई इसकी जानकारी के लिए चिड़ियाघर प्रशासन जल्द ही एक विशेषज्ञ समिति गठित करेगी. बताया जा रहा है कि प्रथम दृष्टया जो कारण सामने आ रहा है कि मादा लकड़बग्घे ने अपने बच्चे को ज्यादा सुरक्षा देने की कोशिश की जिससे उसकी मौत हो गई. लेकिन यह कारण चिड़ियाघर प्रशासन के गले से नहीं उतर रहा है. जिसके पुष्टि के लिए चिड़ियाघर प्रशासन जल्द ही एक विशेषज्ञ समिति की टीम गठित करने जा रहा है जिससे लकड़बग्घे के बच्चे के मौत के कारण की सही जानकारी मिल सके.
रिपोर्ट- कुमार प्रदीप, गोरखपुर