बिहार में इस वर्ष 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद करने की सरकार ने घोषणा कर दी है. 31 मई तक गेहूं की खरीद होगी. इस बार दस लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन, आंकड़े बताते हैं कि, बिहार में लगातार गेहूं की खरीद में गिरावट आयी है. कम समर्थन मूल्य मिलने के कारण किसान पैक्सों व व्यापार मंडलों में गेहूं बेचने की बजाय बाजार में बेच दे रहे हैं. इसका नतीजा यह रहा है कि बीते वर्ष 2022-23 में महज 641 किसानों ने पैक्सों व समितियों में जाकर गेहूं की बिक्री की. जबकि बिहार में 1.93 करोड़ रजिस्टर्ड किसान हैं.
इस वर्ष बक्सर, जमुई, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, नवादा तथा पूर्णिया में महज एक-एक किसानों ने सरकारी समितियों में गेहूं की बिक्री की थी. इस बार दस लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. इस बार भी समर्थन मूल्य किसानों की अपेक्षा से कम है. किसानों का कहना है कि वर्तमान समर्थन मूल्य पर पैक्सों को गेहूं बेचने से कम फायदा होगा.
लगातार लक्ष्य से लगभग आधा गेहूं की खरीदारी सरकारी संस्थानों की ओर से की गयी है. 2022-23 में सरकार की ओर से 10 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया था. इसमें 3519.89 मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो सकी थी. इस साल महज 144 कार्यशील समितियों में किसानों ने गेहूं की बिक्री की थी. वर्ष 2021-22 में भी 455545.93 मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की थी. इस साल भी लक्ष्य से आधा गेहूं की खरीद हुई थी.
Also Read: बिहार में 20 अप्रैल से होगी गेहूं की सरकारी खरीद, 10 लाख टन खरीद का लक्ष्य, जानिए कितना है समर्थन मूल्य
-
2023 – 24 – लक्ष्य 10 लाख टन
-
2022 – 23 – लक्ष्य 10 लाख टन – खरीद हुई 3519.89 लाख टन
-
2021 – 22 – लक्ष्य सात लाख टन – खरीद हुई साढ़े चार लाख टन