पटना कलेक्ट्रेट का नया भवन अगले साल जून से पहले बन कर तैयार हो जायेगा. भूकंप-रोधी भवन बनाने के लिए निर्माण की हर पहलुओं पर बारीकी से देखा जा रहा है. कलेक्ट्रेट भवन बेसमेंट व भूतल के अलावा पांच फ्लोर का बन रहा है. नया भवन बनने के बाद लगभग 39 विभागों के कार्यालय एक ही छत के नीचे रहेगा. इसके साथ ही परिसर में 205 ओपेन पार्किंग व 240 बेसमेंट पार्किंग की सुविधा रहेगी. नया भवन बनाने का काम समय से पूरा हो इसके लिए काम तेजी से हो रहा है.
सूत्र ने बताया कि फरवरी माह में पटना प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि ने नये कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर तेजी से काम पूरा करने का निर्देश दिया था. काम में लगे इंजीनियरों ने बताया कि समय से पहले काम पूरा हो जायेगा. नये भवन में सोलर पैनल व रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की सुविधा भी रहेगी. नये भवन के भूखंड का क्षेत्रफल 43,454 वर्ग मीटर है. बिल्ट-अप एरिया 38,812 वर्ग मीटर है. लगभग 153 करोड़ की लागत से भवन का निर्माण हो रहा है.
पुराने भवन में डचकालीन समय के पिलर हैं. उसे सुरक्षित रखा गया है. पिलर को ध्वस्त नहीं कर उसे हेरिटेज पिलर के रूप में रखा गया है. डचकालीन समय के आठ पिलर हैं. कलेक्ट्रेट के नये भवन में आने वाले पिलर को देखेंगे. इसके लिए कैंपस के सेंट्रल प्लाजा में एक डेडिकेटेड पैविलियन डिजाइन किया गया है. निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग के लिए विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.
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कलेक्ट्रेट भवन परिसर में लगभग 205 ओपेन पार्किंग व लगभग 240 बेसमेन्ट पार्किंग की सुविधा रहेगी. निगरानी के लिए 200 से 225 की संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. तीन कांफ्रेंस रूम तैयार हो रहा है. इसमें एक कॉन्फ्रेंस रूम में 200 लोगों, दूसरे कांफ्रेंस रूम में 80 लोगों व तीसरे कांफ्रेंस रूम में 40 लोगों के बैठने की सुविधा रहेगी. सभी कॉन्फ्रेंस रूम प्रोजेक्टर व ऑडियो-विजुअल प्रणाली से लैस रहेगा. नये भवन के निर्माण को लेकर डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य को लेकर लगातार मॉनिटरिंग हो रही है. समय पर काम पूरा करने को लेकर संबंधित एजेंसी को कहा गया है. निर्धारित समय में भवन बन कर तैयार हो जायेगा.