National Maritime day 2023: भारत में राष्ट्रीय समुद्र दिवस यानि नेशनल मैरीटाइम डे 5 अप्रैल को मनाया जाता है. भारत में समुद्री नौवहन का इतिहास बहुत ही संपूर्ण है. प्राचीन काल से ही दक्षिण भारतीयों के पूर्वी एशिया और पश्चिम में अरब जगत के साथ जहाजरानी संबंध हुआ करते थे. लेकिन इससे पहले भी मेसोपोटामिया, मिस्र और रोमनों से शिपिंग द्वारा हड़प्पा संस्कृति के व्यापार आदान-प्रदान के प्रमाण मिले हैं.
विश्व समुद्री दिवस 1958 में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) सम्मलेन के अनुकूलन की तिथि चिन्हित करता है. इस दिवस को पहली बार 1978 में मनाया गया था. अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) का शुरूआती नाम अंतरसरकारी समुद्री सलाहकार संगठन था, इसे 1982 में बदलकर अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) कर दिया गया.
राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2023 का थीम है शिपिंग में अमृत काल. राष्ट्रीय समुद्री दिवस के महत्व को चिह्नित करने के लिए, सरकार 30 मार्च, 2023 से 5 अप्रैल, 2023 तक राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह मना रही है, नाविकों की सेवाओं को श्रद्धांजलि दे रही है और पहले भारतीय स्टीमशिप “एस.एस. मैसर्स की वफादारी “. सिंधिया स्टीम, नेविगेशन कंपनी लिमिटेड, मुंबई, ने 1919 में मुंबई से लंदन (यूके) तक की अपनी पहली यात्रा पर अंतर्राष्ट्रीय जल में प्रवेश किया और इस दिन को “राष्ट्रीय समुद्री दिवस” के रूप में चिह्नित किया गया.
राष्ट्रीय समुद्री दिवस भारत के लिए बहुत खास है. दरअसल, राष्ट्रीय समुद्री दिवस 5 महासागरों में व्यापार को सुविधाजनक बनाकर समुद्री अर्थव्यवस्था के राष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक है. अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत समुद्री व्यापार के मामले में दुनिया का 16वां सबसे बड़ा देश है. देश का समुद्री व्यापार लगभग 12 प्रमुख बंदरगाहों से होता है और देश के समुद्र तट की बात करें तो यह 7517 किमी लंबा है. 6.17 लाख किलो माल ढुलाई देश के प्रमुख बंदरगाहों से होती है. दिसंबर 2018 तक भारत में 43 शिपिंग कंपनियां हैं, जिनके पास कुल 12.69 मिलियन सकल टन भार के साथ 1,401 जहाज हैं.
भारत के समुद्री रास्तों के जरिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों का लंबा इतिहास रहा है. प्राचीन काल से ही भारत के पूर्वी एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका तक के देशों से हमारे दक्षिणी राज्यों के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं जिनकी झलक संस्कृति में आज भी दिखाई देती है. भारत की यूरोप तक ख्याति अरब देशों से होते हुए समुद्री व्यापार के जरिए ही पहुंचा करती थी यवनों से भारत के पुराने समुद्री व्यापारिक संबंध रहे हैं.