पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर पीएम मोदी की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि, ‘इसमें कोई शक नहीं की प्रधानमंत्री मेहनती हैं….हम बीजेपी की आलोचना भी करते हैं और तारीफ भी. इससे एक दिन पूर्व गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि , पीएम मोदी कभी बदले की भावना से काम नहीं करते. वहीं उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव पर कांग्रेस पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि, ‘कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी की भूमिका निभानी चाहिए’.
#WATCH | "There is no doubt that the PM is hardworking…We both appreciate and criticize the BJP," says Former Congress leader Ghulam Nabi Azad. pic.twitter.com/p3jQvJ6x6q
— ANI (@ANI) April 5, 2023
गुलाम नबी आजाद बहुत जल्द अपनी किताब ‘आजाद’ का विमोचन करने वाले हैं, इस पर बात करते हुए प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कई मसलों पर बेबाकी से राय रखी, उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस को बेनकाब और पूरी तरह से ध्वस्त नहीं करना चाहते.वहीं इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने जवाब देते हुए ट्वीट किया कि, “गुलाम नबी भाईजान आप कांग्रेस को क्या एक्सपोज और डिमोलिश करेंगे, पहले कश्मीर में अपनी पार्टी को तो बचा लीजिए. 40 साल कांग्रेस में रहकर आपने पार्टी के साथ दगा कर दिया..अब बीजेपी और मोदी जी की बैसाखियों के सहारे क्या हासिल कर लेंगे.”
गुलाम नबी भाईजान आप कांग्रेस को क्या expose और demolish करेंगे, पहले कश्मीर में अपनी पार्टी को तो बचा लीजिए।
40 साल कांग्रेस में रहकर आपने पार्टी के साथ दगा कर दिया..अब भाजपा व मोदी जी की बैसाखियों के सहारे क्या हासिल कर लेंगे !! https://t.co/8eVsWlA5EZ— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 5, 2023
वहीं एक दिन पूर्व गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी की तारीफ में कहा था की वे बदले की भावना से काम नहीं करते. उन्होंने कहा कि, ‘ मैंने उनके साथ जो किया उसके लिए मुझे मोदी को श्रेय देना चाहिए. वह बहुत उदार हैं, नेता विपक्ष के रूप में मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा चाहें वह धारा 370 हो या सीएए या हिजाब का मामला. लेकिन उन्होंने एक राजनेता की तरह व्यवहार किया, उसका बदला नहीं लिया’.
आपको बताएं कि, गुलाम नबी आजाद ने बीते साल ही कांग्रेस से रिश्ता तोड़ लिया था और जम्मू-कश्मीर में अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का गठन कर लिया था. उन्होंने पार्टी छोड़ने के दौरान कांग्रेस की दुर्गति के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार बताया था.
आजाद ने कहा था कि राहुल गांधी ने 2013 में जो अध्यादेश फाड़ा था, उससे उनकी छवि खराब हुई थी. कांग्रेस में चापलूसों को महत्व मिलने और पुराने लोगों को किनारे लगाने का आरोप भी गुलाम नबी आजाद ने लगाया था. उन्होंने सोनिया गांधी के नाम पर लिखे अपने इस्तीफे वाले पत्र में ये तमाम आरोप लगाए थे.