17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वेतन नहीं मिला तो 7 दिन में 1000 km चलकर घर पहुंचे तीन प्रवासी मजदूर, खाने के लिए भी नहीं थे पैसे

बेंगलुरु से पैदल निकले तीन प्रवासी श्रमिक सात दिन में 1,000 किलोमीटर चलकर ओडिशा के कोरापुट आए और फिर यहां से कालाहांडी स्थित अपने-अपने घर पहुंचे. जब वे अपने-अपने घर पहुंचे तो उनकी जेब खाली और हाथों में केवल पानी की बोतलें थीं.

Odisha: बेंगलुरु से पैदल निकले तीन प्रवासी श्रमिक सात दिन में 1,000 किलोमीटर चलकर ओडिशा के कोरापुट आए और फिर यहां से कालाहांडी स्थित अपने-अपने घर पहुंचे. जब वे अपने-अपने घर पहुंचे तो उनकी जेब खाली और हाथों में केवल पानी की बोतलें थीं. साथ ही था इस लंबी यात्रा के दौरान के संघर्ष, कठिनाइयां, शोषण और अनजान लोगों से मिली मदद की कहानियां और अनुभव.

वेतन नहीं दे रहा था मालिक

कालाहांडी जिले के तिंगलकन गांव के बुडू मांझी, कटार मांझी और भिखारी मांझी तीनों को बेंगलुरु में उनके मालिक कथित तौर पर वेतन नहीं दे रहा था, जिससे तंग आकर उन्होंने यह कठिन यात्रा करने की ठानी. उनकी मामूली सी बचत समाप्त हो गई थी उनके पास न तो भोजन था और न ही पैसे. कोरापुट पहुंचने पर उन्होंने पोतांगी ब्लॉक के पडलगुडा में स्थानीय लोगों को बताया कि उन्होंने 26 मार्च को अपनी यात्रा शुरू की थी और वे इन सात दिन में रात में भी चले. कुछ जगहों पर उन्हें सवारी भी मिली.

रेशानियों को समझते हुए कई लोग ने उनकी मदद की

श्रमिकों की परेशानियों को समझते हुए कई लोग अनायास आगे आए और उनकी मदद की. एक दुकानदार ने उन्हें भोजन की पेशकश की, जबकि ओडिशा मोटर वाहन चालक एसोसिएशन की पोतंगी इकाई के अध्यक्ष भगवान पडल ने उन्हें 1,500 रुपये दिए. साथ ही नबरंगपुर के लिए उनके परिवहन की व्यवस्था की, जो कालाहांडी के रास्ते में पड़ता है.

नौकरी की तलाश में बिचौलियों की मदद से बेंगलुरु गया

तीनों पुरुष प्रवासी श्रमिकों के उस 12 सदस्यीय समूह का हिस्सा थे, जो दो महीने पहले नौकरी की तलाश में बिचौलियों की मदद से बेंगलुरु गया था. बेंगलुरु पहुंचने के बाद उन्हें काम मिला लेकिन उनके मालिक ने कथित तौर पर उन्हें दो महीने तक काम करने के बावजूद वेतन नहीं दिया. तीनों ने कहा कि जब उन्होंने वेतन मांगा तो उन्हें पीटा गया. मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि हम अपने परिवार चलाने के लिए पैसा कमाने की उम्मीद से बेंगलुरु गए थे. लेकिन जब भी हमने वेतन मांगा तो कंपनी के कर्मचारियों ने हमें बकाया भुगतान करने के बजाय हमारी पिटाई की.

Also Read: पलामू से पांच लाख इनामी माओवादी ननकुरिया गिरफ्तार, इलाज कराने के दौरान पुलिस ने दबोचा

तीनों प्रवासी श्रमिकों की स्थिति दयनीय थी

एक अन्य ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”बेंगलुरू से पैदल कोरापुट पहुंचने पर तीनों प्रवासी श्रमिकों की स्थिति दयनीय थी. हमने उन्हें भोजन दिया, कुछ पैसे एकत्र किए और कुछ लोगों की मदद से उन्हें घर भेज दिया.” पिछड़े केबीके (कोरापुट-बोलंगीर-कालाहांडी) से संबंधित रखने वाले कांग्रेस के विधायक संतोष सिंह सलूजा ने कहा कि यह घटना क्षेत्र के प्रवासी श्रमिकों की स्थिति को दर्शाती है. ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीजू जनता दल (बीजद) ने 23 साल सत्ता में रहने के बाद भी लोगों को निराश किया है.

मुख्यमंत्री जापान के दौरे पर

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सरत पटनायक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सरकार गरीब लोगों की चिंता करने के बजाय निवेश लाने के नाम पर नौकरशाहों और नेताओं की जापान यात्रा के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. मुख्यमंत्री जापान के दौरे पर हैं. ओडिशा के श्रम मंत्री श्रीकांत साहू और श्रम आयुक्त एन थिरुमाला नाइक ने इस मुद्दे पर ‘पीटीआई-भाषा’ के कई फोन कॉल या संदेशों का जवाब नहीं दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें