रांची के लोअर करम टोली में असामाजिक तत्वों द्वारा सरना झंडे को उखाड़ कर जलाये जाने के विरोध में झारखंड पाहन महासंघ ने सात अप्रैल को मशाल जुलूस निकालने और आठ अप्रैल को रांची बंद का आह्वान किया है. आदिवासी समाज के पाहन- पुरोहितों ने करम टोली, धुमकुड़िया भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आदिवासी समाज अपने धर्म, संस्कृति, सभ्यता और परंपरा की रक्षा करना जानता है.
निरंजना हेरेंज टोप्पो ने बताया कि यह घटना 25 मार्च को हुई थी, जिसके बाद गीताश्री उरांव, अजय तिर्की, फूलचंद तिर्की, बबलू मुंडा, प्रेम शाही मुंडा, लक्ष्मीनारायण मुंडा आदि ने एसएसपी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और सभी दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की मांग की थी. मौके पर जगदीश पाहन, शिबू पाहन, हलधर चंदन पाहन, सुकरा पाहन, सोमा पाहन, गीता पाहन, सीता पाहन, रीता पाहन, अनीता पाहन, सुजाता पाहन सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.
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केंद्रीय सरना समिति ने भी पहानों के रांची बंद का समर्थन किया है. कल कचहरी परिसर में हुई बैठक में 8 अप्रैल के बंद को समर्थन करने का फैसला लिया गया. बैठक की अध्यक्षता फूलचंद तिर्की ने किया. इसमें सरना झंडा को अपमानित कर आदिवासियों की भावनाओं का ठेस पहुंचाने के विषयों पर चर्चा हुई. फूलचंद तिर्की ने बैठक में कहा कि कहीं सरना झंडा को उखाड़ कर फेंक दिया जा रहा है तो कहीं जला दिया जा रहा है.
पहला मामला लोअर करम टोली का है तो दूसरा- नगड़ी, तीसरा- ठाकुर गांव और चौथा मामला हजारीबाग का है. मौके पर भुनेश्वर लोहरा, प्रमोद एक्का, विनय उरांव, पंचम तिर्की, बाना मुंडा, विमल कच्छप समेत कई लोग उपस्थित थे.