नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के डिजिटल अभियान की तारीफ करते हुए कहा है कि विश्वस्तरीय डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा विकसित करने में भारत की टैक्स एजेंसियों ने अहम भूमिका निभाई है. अपने एक वर्किंग पेपर में आईएमएफ ने कहा कि भारत ने जिस प्रकार से अपने डिजिटल अभियान को आगे बढ़ाया है, उससे दुनिया के दूसरे देशों को सबक लेना चाहिए. उसने कहा कि भारत के डिजिटल अभियान से खासकर उन देशों को सबक लेना चाहिए, जो अभी अपने यहां डिजिटल यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. वैश्विक वित्तीय संस्था ने ये बातें वर्किंग पेपर ‘स्टैकिंग अप द बेनिफिट्स लेसन्स फ्रॉम इंडियाज डिजिटल जर्नी’ में कहा है.
महामारी में डिजिटलीकरण से मिला बड़ा फायदा
वर्किंग पेपर में आईएमएफ ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करते हुए भारत ने कोरोना महामारी के दौरान बेहतरीन काम किया है. उसने कहा कि महामारी में भारत सरकार ने गरीब परिवारों के एक बड़े हिस्से को सीधे और तुरंत मदद पहुंचाने में अपार सफलता हासिल की. उसने कहा कि डिजिटलीकरण से भारत को अपनी वैक्सीन को करोड़ों लोगों तक पहुंचाने में काफी आसानी हुई. भारत की ओर से विकसित किए गए कोविन ऐप और कोविन वेबसाइट में अंतर्निहित तकनीक का इंडोनेशिया, फिलीपींस, श्रीलंका और जमैका जैसे देशों ने महामारी से निपटने में इस्तेमाल किया और इसी तकनीक के जरिए उनके टीकाकरण कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाने में मदद करने के लिए तैनात किया गया.
पीएम जनधन योजना की सराहना की
वर्किंग पेपर में आईएमएफ ने मोदी सरकार की कई योजनाओं की जमकर सराहना की. उसने मोदी सरकार की ओर से शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना की सराहना करते हुए कहा कि मजबूत नीतियों से प्रतिस्पर्धी, खुला और किफायती दूरसंचार बाजार बना और मोबाइल डेटा की लागत में 90 फीसदी की कमी से डाटा के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई. नोटबंदी से यूपीआई समेत भुगतान के अन्य तरीकों का अधिक इस्तेमाल हुआ, इससे एक बड़ा बदलाव आया.
आधार नंबर ने अर्थव्यवस्था में निभाई अहम भूमिका
इसके साथ ही, आईएमएफ ने आधार नंबर की जमकर तारीफ की. उसने कहा कि आधार कार्ड ने भी भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आधार नंबर ने भुगतान के हस्तांतरण (डीबीटी) करने, लीकेज को कम करने, भ्रष्टाचार को रोकने और कवरेज बढ़ाने के लिए घरों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने के लिए एक उपकरण के रूप में मदद की है. भारत सरकार का अनुमान है कि मार्च 2021 तक डिजिटल बुनियादी ढांचे और अन्य शासन सुधारों के कारण व्यय में जीडीपी का लगभग 1.1 फीसदी बचाया गया था.
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