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रेपो रेट नहीं बढ़ने से खिलखिला उठा रियल एस्टेट, होम लोन नहीं होगा महंगा और…

रियल एस्टेट सेक्टर ने होम लोन की ब्याज दर के सबसे निचले स्तर 6.5 फीसदी से लेकर 8.75 फीसदी के उच्च स्तर तक का सामना किया है. इस साल की पहली तिमाही में रियल एस्टेट मार्केट ने सालाना आधार पर 20 फीसदी की मजबूत बिक्री वृद्धि दर्ज की, जो पिछले 15 साल के दौरान का उच्च स्तर है.

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मई 2022 से बैक-टू-बैक छह बार ब्याज दर बढ़ाने के बाद सातवीं बार रेपो रेट नहीं बढ़ाने से देश का रियल एस्टेट क्षेत्र खिलखिला उठा और इस क्षेत्र के कारोबारियों के चेहरों पर रौनक छा गई. इसका कारण यह है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी होने से होम लोन महंगा नहीं होगा और जब होम लोन महंगा नहीं होगा, तब घर की बिक्री बढ़ेगी. और जब देश में निर्मित मकानों की बिक्री बढ़ेगी, तब रियल एस्टेट सेक्टर में रौनक लौटेगी. रियल एस्टेट सेक्टर के कारोबारियों की मानें, तो आरबीआई ने जैसे ही रेपो रेट रोकने वाला बटन दबाया और गुरुवार को इसकी घोषणा, रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे. इतना ही नहीं, रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर यथावत रखने की घोषणा आरबीआई गवर्नर की ओर से करने के बाद निफ्टी रियल्टी में 2 फीसदी से अधिक की बढ़त दर्ज की गई.

15 साल में पहली बार 20 फीसदी वृद्धि दर्ज

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर ने होम लोन की ब्याज दर के सबसे निचले स्तर 6.5 फीसदी से लेकर 8.75 फीसदी के उच्च स्तर तक का सामना किया है. मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की पहली तिमाही में रियल एस्टेट मार्केट ने सालाना आधार पर 20 फीसदी की मजबूत बिक्री वृद्धि दर्ज की, जो पिछले 15 साल के दौरान का उच्च स्तर है.

ब्याज दर से परेशान ग्राहकों को राहत

वहीं, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वाई विश्वनाथ गौड़ ने कहा कि नीतिगत दर रेपो में बदलाव न करने का फैसला स्वागतयोग्य है. इससे लगातार बढ़ रही ब्याज दर से परेशान ग्राहकों को कुछ राहत मिलेगी. आज के कदम ने सकारात्मक संकेत दिए हैं और इससे धारणा में सुधार हुआ है.

कॉरपोरेट सेक्टर के लिए शुभ संकेत

पीटीसी इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ पवन सिंह ने कहा कि नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.50 फीसदी रखने का फैसला सकारात्मक है. यह अर्थव्यवस्था के साथ-साथ कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए भी शुभ संकेत है. आरबीआई ने मुद्रास्फीतिक दबाव और वृद्धि दोनों को अपेक्षाकृत संतुलित किया है.

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क्रेडिट स्कोर बताने का पुख्ता इंतजाम

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि आरबीआई ने लोगों को उनकी साख (क्रेडिट स्कोर) की सूचना और सेवा देने वाले वित्तीय संस्थानों (सीआई) और कंपनियों (सीआईसी) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को लेकर शिकायत निपटान व्यवस्था और ग्राहक सेवा को मजबूत करने एवं उसमें सुधार के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए सीआईसी को रिजर्व बैंक की एकीकृत ओम्बुड्समैन योजना के दायरे में लाया गया है. इसके अलावा, ‘क्रेडिट’ जानकारी को अद्यतन करने या सुधार में देर होने पर मुआवजा व्यवस्था का भी प्रस्ताव किया गया है.

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