Communication Skill: कम्युनिकेशन स्किल नौकरी करनेवाले प्रोफेशनल्स एवं पढ़ाई करनेवाले छात्रों दोनों के लिए आवश्यक मौलिक कौशलों की सूची में सबसे ऊपर है. हम जब दुनिया के महान नेताओं और व्यक्तित्व पर गौर करते हैं, तो पाते हैं कि उनमें असरदार तरीके से कम्युनिकेट यानी लोगों से संवाद करने की क्षमता रही है, जो संचार कौशल के महत्व को रेखांकित करती है. सोशल मीडिया और टेक्स्टिंग के उदय के साथ संचार अधिक आकस्मिक होता जा रहा है. इंटरव्यू के दौरान या जॉब में किसी टीम को लीड करने के लिए बेहतर कम्युनिकेशन की दरकार होती है. आप अगर अपने संचार कौशल को बेहतर करना चाहते हैं, तो कुछ तरीके हैं, जो आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं.
क्या आप जानते हैं कि संचार वास्तव में क्या है! संचार एक प्रेषक और एक रिसीवर के बीच विभिन्न तरीकों (लिखित शब्द, अशाब्दिक संकेत, बोले गये शब्द) के माध्यम से संकेतों/ संदेशों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है. यह एक तंत्र है, जिसका उपयोग हम संबंधों को स्थापित करने और संशोधित करने के लिए करते हैं. बोलने से पहले सुनने की क्षमता और धैर्य जरूरी है. एक समय में एक ही विषय पर बात करना इसके मूल नियमों में शामिल है.
सफलता की राह में आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास जरूरी चीज है. आत्मविश्वास न हो, तो इंसान अपना एक कदम आगे नहीं बढ़ा सकता. बात करते समय आश्वस्त रहें कि आप बातचीत में सार्थक योगदान दे सकते हैं. अपनी राय और भावनाओं से अवगत होने के लिए प्रत्येक दिन समय निकालें, ताकि आप उन्हें पर्याप्त रूप से दूसरों तक पहुंचा सकें. बहुत से लोग बोलने में हिचकिचाते हैं, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि उनका इनपुट सार्थक होगा. ऐसे लोगों को डरने की जरूरत नहीं. हो सकता है कि आपकी बात टीम के सभी लोगों के लिए सार्थक न हो, लेकिन कुछ लोगों के लिए वह काम की साबित हो सकती है. इसलिए साहस व आत्मविश्वास के साथ अपनी बात कहें.
उन्नत संचार कौशल विकसित करने की शुरुआत बातचीत करने से होती है. सामाजिक से लेकर पेशेवर जीवन तक हर दिन संचार कौशल का अभ्यास किया जा सकता है. याद रखें कि किसी भी कौशल को निखारने में समय लगता है, लेकिन हर बार जब आप अपने संचार कौशल का उपयोग करते हैं, तो खुद को अवसरों और भविष्य की साझेदारियों के लिए तैयार करते हैं. बोलने से पहले आप जो कहने वाले हैं, उस पर एक बार विचार कर लें. आप क्या कह रहे हैं और कैसे कह रहे हैं, इसकी महत्ता को हमेशा समझें.
चाहे आप बोल रहे हों या सुन रहे हों, जिस व्यक्ति से आप बात कर रहे हैं, उसकी आंखों में देखकर बातचीत को और अधिक सफल बना सकते हैं. आंख में देखकर बात करने की आदत सामने वाले की बातचीत में आपकी रुचि को व्यक्त करती है और सामनेवाले को आप में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित भी करती है. अपनी बात को सहजता से कहें और अपने बॉडी लैंग्वेज को भी सहज रखें. जब आप किसी अन्य व्यक्ति से बात कर रहे हों या किसी मीटिंग में हों, तो उसके लिए नोट्स तैयार करें और तथ्यों के साथ अपनी बात को कहें.