मुजफ्फरपुर. तापमान बढ़ते ही बिहार में मस्तिस्क ज्वर यानी चमकी बुखार का प्रकोप दिखने लगा है. इस बीमारी के हॉट स्पॉट जिले मुजफ्फरपुर में एक बार फिर इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अस्पतालों में भर्ती होने लगे हैं. पिछले दिनों बीमार बच्चों के अस्पताल आने के मामले शुरू हुए तो अस्पताल प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता ले लिया है. मुजफ्फरपुर जिले के श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों की माने तो अब तक सात बच्चे एसकेएमसीएच में भर्ती हुए हैं. उनमें से आधा दर्जन बच्चे मुजफ्फरपुर तो एक बच्चा मोतिहारी का रहने वाला है. शुक्रवार को एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज द्वारा आंकड़ा जारी किया गया है. उस आखिरी में 7 बच्चे अब तक इस बीमारी के शिकार होकर भर्ती हुए थे. अच्छी बात यह है कि सभी ठीक होकर अपने घर को जा चुके हैं.
पिछले कुछ वर्षों में इस जिले में इस बीमारी से सैकड़ों बच्चे काल के गाल में समा चुके हैं. इस साल भी चमकी बुखार ने फिर से अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. अस्पताल के सूत्र बताते हैं कि इस साल पहला मामला करीब 16 जनवरी को सामने आया. चमकी बुखार से पीड़ित बच्चा कुछ दिनों बाद स्वस्थ्य होकर घर लौट गया. तब से अब तक दिन प्रतिदिन आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है. जो स्वास्थ्य विभाग की चिंता को बढ़ा दिया. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने चमकी को लेकर जागरुकता अभियान को तेज कर दिया है. सुदूर ग्रामीण इलाकों में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को चमकी बुखार से जागरूक करने के लिए भेजा जा रहा है. वैसे बीते वर्षो की अपेक्षा अबतक आंकड़े कम देखने को मिले है, लेकिन जिस तरह से दिन-प्रतिदिन मौसम की बेरुखी प्रचंड धूप अपना रौद्र रूप ले रखी है, ऐसे में बीमारी के बढ़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है.
डॉ राजेश कुमार इस संबंध में कहते हैं कि आने वाले समय में सभी परिवार को अपने बच्चों को ज्यादा केयर करने की जरूरत है. कहीं इस बीमारी का शिकार आपका बच्चा भी ना हो जाये. इसलिए जरूरत है कि अपने मासूम को इस बदलते मौसम में अच्छे से देखभाल करें. किसी भी परिस्थिति में भूखे पेट बच्चों को धूप में न जाने दें. उन्होंने कहा कि बदलते मौसम में सर्दी जुकाम और बुखार की शिकायत होती है. यह आम बात है. इससे घबराना नहीं है. अगर ऐसा होता है तो बिना किसी देरी के अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाये और डॉक्टरों से उचित परामर्श लेकर इलाज अवश्य करें.