बिहार में राजनेताओं के घर दावत-ए-इफ्तार (Dawat E Iftar) का सीधा-सीधा अर्थ सियासत-ए-रफ्तार रहा है. रमजान के पाक महीने में तमाम नेताओं के द्वारा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के घर नौ अप्रैल को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया है तो आज पार्टी का आयोजन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने किया है. ऐसे में सबसे सबकी निगाहें सीएम आवास पर आने वाले मेहमानों पर टिकी है. ये इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि पिछले वर्ष इसी इफ्तार पार्टी में राज्य में सत्ता परिवर्तन की कहानी लिखी गयी थी.
बिहार में राजनीतिक पार्टियों में इफ्तार पार्टी की परंपरा रही है. हालांकि, आज की पार्टी को दो रूपों में देखा जा रहा है. एक दिन पहले मुजफ्फरपुर में नीतीश कुमार ने इथेनॉल प्लांट के उद्घाटन में शाहनवाज हुसैन के साथ मंच साझा किया था. वहीं दुसरी नजर से इसके बिहार में महागठबंधन की डोर को और मजबूत करने की कड़ी के रूप में भी देखा जा रहा है. हालांकि, आयोजन में महागठबंधन के कौन-कौन नेता शामिल होने वाले हैं इसके बारे में अभी कोई जानकारी साझा नहीं की गयी है. साथ ही, ये राज भी नहीं खोला गया है कि क्या बीजेपी को इस इफ्तार पार्टी में शामिल होने का न्यौता दिया गया है या नहीं.
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सीएम नीतीश कुमार एक सीरे से इस बात को खारिज करते आ रहे हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनना है. मगर, पार्टी के नेता लगातार ऐसा कुछ न कुछ कर रहे हैं जिससे उनके पीएम पद की दावेदारी मजबूत होती रहे. पिछले दिनों फुलवारी शरीफ में जदयू नेता की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री शामिल हुए. वहां सीएम को बैठने के लिए जो मंच बनाया गया था, उसके बैकड्रॉप में लाल किला था. इसे भी लेकर बिहार में सियालत काफी गर्मा गयी थी. हालांकि, इन सब से अलग बिहार में चर्चा है कि सियासी उल्ट फेर हो सकता है. ऐसे में आयोजन में किस-किस पार्टी के लोग पहुंच रहे हैं. इस पर खास नजर रहेगी.