17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की तरह विकसित होगा मुंगेर वन्यजीव अभ्यारण्य, पर्यटक ले पायेंगे सफारी का आनंद

वाल्मीकिनगर की तरह वन विभाग मुंगेर रेंज में वन्यजीव अभ्यारण्य विकसित करने जा रहा है. मुंगेर रेंज के मंडल वन अधिकारी नीरज नारायण ने बताया कि इस जगह पर एक विस्तृत वन क्षेत्र है. मुंगेर वन सीमा एक छोर से लखीसराय और दूसरे छोर पर जमालपुर शहर तक फैली हुई है. इसमें बड़ी संख्या में जानवर हैं.

पटना. वाल्मीकिनगर की तरह वन विभाग मुंगेर रेंज में वन्यजीव अभ्यारण्य विकसित करने जा रहा है. मुंगेर रेंज के मंडल वन अधिकारी नीरज नारायण ने स्थानीय मीडिया को बताया कि इस जगह पर एक विस्तृत वन क्षेत्र है. मुंगेर वन सीमा एक छोर से लखीसराय और दूसरे छोर पर जमालपुर शहर तक फैली हुई है. इसमें बड़ी संख्या में जानवर हैं. जो लोग प्रकृति के पास रहना पसंद करते हैं, उनके लिए मुंगेर वन क्षेत्र एक आदर्श स्थान है. हालांकि मैं मानता हूं कि यहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है, लेकिन हम इस क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक गुणवत्तापूर्ण पर्यावरण के अनुकूल पर्यटक परिसर विकसित करने जा रहे हैं. इस जगह में जंगल सफारी की सुविधा के साथ वन भंडार विकसित करने की काफी संभावनाएं हैं. हम वास्तविक वन आवरण का पता लगाने के लिए मुंगेर रेंज के सर्वेक्षण की योजना बना रहे हैं.

मुंगेर मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों का एक संयोजन

नारायण ने कहा कि वर्तमान में पर्यटक आम तौर पर नवंबर से फरवरी तक यहां आते हैं, क्योंकि मौसम ठंडा होता है. इस जगह में एक जल निकाय है, जो एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. हम इसे विजिटर्स को एक अच्छा अनुभव प्रदान करने के लिए तैराकी क्षेत्र के रूप में विकसित करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का विकास वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की तरह किये जाने की योजना है. उन्होंने कहा कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास पहाड़ी इलाके हैं, लेकिन मुंगेर मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों का एक संयोजन है. नारायण ने कहा कि हमने मुंगेर रेंज में बाघ, पैंथर या तेंदुए जैसे प्रमुख जानवरों की उपस्थिति की पूरी तरह से पुष्टि नहीं की है, लेकिन हम जानते हैं कि इसमें बड़ी संख्या में लकड़बग्घे, भालू, हिरण और अन्य जानवर हैं.

वीटीआर में जल्द ही शुरू होगा पर्यटक परिसर बनाने का काम

उन्होंने कहा कि वीटीआर में पर्यटक परिसर बनाने का काम जल्द ही शुरू होनेवाला है. विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ पर्यटक परिसर वीटीआर के मंगुराहा वन क्षेत्र में निर्धारित तीन एकड़ भूमि में फैला होगा. वीटीआर प्रशासन ने इस बारे में जिलाधिकारी को लिखा है. वीटीआर के एक अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को कहा कि जिला प्रशासन की ओर से जमीन दिये जाने के बाद हम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की योजना बनाएंगे और इसे जिला प्रशासन को फंड की मंजूरी के लिए भेजेंगे. वीटीआर बिहार का एकमात्र बाघ अभयारण्य है, जो नेपाल और पश्चिम चंपारण के वन क्षेत्र से फैला हुआ है. इसमें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जंगल सफारी, रास्ते, कौलेश्वर झूला, इको पार्क की काफी संभावनाएं हैं. इसके अलावा, इसमें जटाशंकर मंदिर, नार देवी मंदिर, मदनपुर देवी स्थान भी है. वर्तमान में, पर्यटक आमतौर पर सुबह के वक्त आते हैं और शाम तक चले जाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें