Weather Forecast: भारत में गर्मियों का मौसम आ चुका है. इस साल गर्मी का असर मार्च महीने की शुरुआत से ही देखा जाने लगा है. कई जगहों पर लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है तो कई जगहों पर लोग बारिश से परेशान हैं. ऐसे में यह देखने वाली बात होगी की देश में आने वाले दिनों में मौसम कैसा रहने वाला है. बता दें मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें उन्होंने भारत में आने वाले करीबन पांच दिनों के मौसम की जानकारी दी है. जानकारी देते हुए IMD ने बताया कि- आने वाले पांच दिनों में देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक वृद्धि होने की संभावना है. यह अलर्ट उस समय दिया गया है जब देश के कई हिस्सों में पहले से ही काफी गर्मी पड़ रही है.
आईएमडी ने एक रिपोर्ट जारी की और उसमें कहा कि- अगले 5 दिनों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2 से लेकर 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी. केवल यहीं नहीं मौसम कार्यालय ने अगले दो दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में गरज और तेज हवाओं की भविष्यवाणी भी की है. परामर्श में कहा गया- अगले दो दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में तेज हवाओं के साथ गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है.
5 days warning:
(i) Thunderstorms with gusty winds likely over Madhya Pradesh, Odisha, Maharashtra and Chhattisgarh during next 2 days and decrease thereafter.
(ii) Gradual rise in maximum temperature by 2-4°C over most parts of the country during next 5 days. pic.twitter.com/kHMsxq379U— India Meteorological Department (@Indiametdept) April 8, 2023
इस महीने की शुरुआत में, मौसम विभाग ने कहा था कि- देश के कई हिस्सों, उत्तर-पश्चिम और पेनिन्सुलर रीजन के हिस्सों को छोड़कर, अप्रैल से जून तक सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान का अनुभव होने की उम्मीद है. IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने कहा- बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में काफी अधिक दिनों तक लू चलने का अनुमान है. जलवायु परिवर्तन वैश्विक तापमान में वृद्धि कर रहा है और चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता को खराब कर रहा है.
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IMD के अनुसार, 1901 में रिकॉर्ड-कीपिंग शुरू होने के बाद से भारत ने इस साल सबसे गर्म फरवरी दर्ज की. हालांकि, पांच मजबूत सहित सात पश्चिमी विक्षोभों के कारण सामान्य से अधिक बारिश ने मार्च में तापमान को नियंत्रित रखा. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के कई हिस्सों में लंबे समय तक प्री-मानसून बारिश, आंधी, ओलावृष्टि और बिजली गिरने से फसलों को नुकसान पहुंचा.