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पूर्णिया एयरपोर्ट: केंद्र व राज्य सरकार की जिद को जानिए, करोड़ों खर्च होने के बाद भी यहां अटका है पेंच…

Purnea Airport: पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग अब तेज होने लगी है और आए दिन इसे लेकर आंदोलन लोग कर रहे हैं. पूर्णिया एयरपोर्ट की पेंच कहां फंसी है. राज्य और केंद्र सरकार अपनी-अपनी दलील पेश करती है. जानिए पूरी हकीकत...

Purnea Airport: पूर्णिया एयरपोर्ट के सवाल पर सुलगा आंदोलन अभी थमने वाला नहीं है. पूर्णिया में भले ही एयरपोर्ट शुरू नहीं हुआ है पर अलग-अलग मंचों से उठने वाली इसकी मांग तेज रफ्तार से उड़ान भर रही है. यहां के लोगों को न तो किसी वायदा पर भरोसा है और न ही कोई अब आश्वासन झेलना पसंद कर रहा है. यहां के लोग पूर्णिया में तैयार एयरपोर्ट (Purnia Airport) चाहते हैं और इसके लिए हद से भी गुजर जाने को तैयार हैं. इस आंदोलन से जुड़े प्रबुद्ध नागरिक एयरपोर्ट को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के राजनीतिक लफड़े से इतर सिर्फ परिणाम की चाहत रखते हैं.

कई महीनों से पूर्णिया में एयरपोर्ट की मांग

गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से पूर्णिया में एयरपोर्ट (Purnea Airport)की मांग को लेकर अलग-अलग संगठन से जुड़े लोग एक मंच पर आकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन की राह पर हैं. हालांकि सरकार की ओर से भी पहल हुई है और एयरपोर्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण भी हो चुका है पर एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहीत भूखंड से फोरलेन या एनएच से कनेक्टिविटी का मामला फंस कर रह गया है. इसके लिए अलग से 15 एकड़ और भूखंड की जरूरत है पर मामला सरकार के फैसले के पेंच में अटका हुआ है.

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सरकार के फैसले का इंतजार

समझा जाता है कि 15 एकड़ भूखंड का अधिग्रहण होने के बाद एयरपोर्ट ऑथिरिटी ऑफ इंडिया पूर्णिया एयरपोर्ट (Purnea Airport) की अधिग्रहीत भूखंड को विधिवत हस्तगत कर लेगा. तमाम लोग सरकार के इसी फैसले का इंतजार कर रहे हैं. लोग कहते भी हैं कि सब्र अभी बना हुआ है पर पैमाना कब छलक जाएगा, उन्हें भी पता नहीं.

केंद्र और राज्य सरकारों की जिद

एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया और बिहार सरकार के अधिकारियों के बीच लंबे अर्से से पत्र युद्ध जारी है. पूर्णिया में एयरपोर्ट के लिए 52.18 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया पर इसमें एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के प्रस्ताव की अनदेखी हो गयी. बाद के दिनों में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की ओर से इसे संशोधित किया. अब संशोधित प्रस्ताव के अनुसार सुविधाओं को नियोजित क्षमताओं को पूरा करने के लिए 15 एकड़ अतिरिक्त जमीन के अधिग्रहण की जरुरत है.

एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया क्या चाहता है?

एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया चाहता है कि राज्य सरकार पहले अतिरिक्त भूखंड का अधिग्रहण कर उसे हैंडओवर करे तब वह एयरपोर्ट निर्माण का काम शुरू करेगा. इधर राज्य सरकार इस जिद पर है कि एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया अधिग्रहीत भूखंड पर पहले काम शुरू करे. काम शुरू होते ही शेष भूखंड का अधिग्रहण हो जायेगा. दोनों तरफ की इस जिद के कारण मामला पेंच में फंसा है.

अधिगृहीत जमीन का हस्तांतरण स्वीकार नहीं

एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा आज की तिथि तक अधिगृहीत 52.18 एकड़ जमीन का हस्तांतरण स्वीकार नहीं किया गया है. यह अलग बात है कि अधिगृहीत जमीन का नि:शुल्क हस्तांतरण प्राप्त करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से बिहार सरकार द्वारा दिनांक जून 2022 से ही अनुरोध किया जा रहा है.

भूमि अधिग्रहण की हकीकत

सिविल एंक्लेव के लिए भूमि अधिग्रहण के विरुद्ध 2025.22 लाख रुपया बिहार सरकार द्वारा पूर्णिया जिला भू – अर्जन पदाधिकारी को 18.10.2017 को हस्तगत करा दिया गया था. जमीन अधिग्रहण से संबंधित सभी भू-धारियों को भू-लगान, स्थापना व्यय एवं परियोजना आकस्मिकता व्यय सहित कुल नौ करोड़ बहत्तर लाख उनचालीस हजार एक सौ अड़तालिस रुपए का मुआवजा भुगतान किया गया. एएआई की अतिरिक्त 15 एकड़ अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण के लिए बिहार सरकार को अतिरिक्त व्यय का भार नहीं पड़ेगा.

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