Kanpur : सपा विधायक इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी कांड में अब अधिवक्ताओं की हड़ताल का खामियाजा भुगतना पड़ गया है. एमपी/एमएलए सेशन कोर्ट ने इरफान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी के आदेश को निरस्त कर दिया. उनको व्यक्तिगत रूप से 12 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है. अब केस की जिरह व सुनवाई लगातार होगी. आपको बता दें कि जाजमऊ आगजनी मामले में सोमवार को एमपी/एमएलए कोर्ट में गवाह कनीज जेहरा से जिरह होनी थीं. वकीलों की हड़ताल के चलते इरफान की ओर से अधिवक्ता जिरह करने कोर्ट नहीं पहुंचे. इसके पहले भी वकील हड़ताल की बात कहकर जिरह नहीं कर रहे थे, जिससे मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है. सभी आरोपित तारीख लिए ले रहे हैं, इसलिए कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इसके साथ ही कोर्ट ने अब इरफान को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है.
कोर्ट ने आगे कहा कि अब मामलें में लगातार सुनवाई और जिरह होगी. आगजनी मामलें में मिली 12 अप्रैल की तारीख पर इरफान को महाराजगंज जेल से लाया जाएगा. इरफान के अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने इरफान सोलंकी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी के आदेश को निरस्त कर दिया. 12 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दे दिए हैं. कानपुर जेल में बंद रिजवान, मो. शरीफ, शौकत अली व इसराइल आटेवाला कोर्ट में पेश हुए थे. गवाह कनीज भी कोर्ट पहुंची थीं. गौरतलब है की कानपुर कचहरी में अधिवक्ताओं की 25 मार्च से लगातार हड़ताल चल रही है. अधिवक्ता कानपुर जिला जज के स्थानांतरण करने के मांग पर अड़े हुए है. अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते कोर्ट में कार्य नहीं हो पा रहे है. वकीलों का कहना है कि जब तक मांग नही पूरी होंगी तब तक हड़ताल और प्रदर्शन जारी रहेगा.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी