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कुड़मी समाज के प्रतिनिधियों के साथ पश्चिम बंगाल सरकार की बैठक रही बेनतीजा

संवाददाताओं से बातचीत में समाज के नेता राजेश महतो ने बैठक को निराशाजनक करार दिया. उन्होंने कहा कि हमने अपनी मांगों को मुख्य सचिव के समक्ष रखा था, लेकिन उन्होंने हमारी मांगों को पूरा करने या विचार करने का कोई आश्वासन नहीं दिया.

अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के रूप में मान्यता देने की मांग सहित कई मुद्दों को लेकर मंगलवार को कुड़मी समाज के प्रतिनिधियों ने राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी के साथ बैठक की. पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज के नेता राजेश महतो के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्य सचिवालय पहुंचा. बैठक में पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज के अध्यक्ष राजेश महतो के साथ राज्य कमेटी के संयोजक कौशिक महतो, सदस्य अभिजीत महताे, आदिवासी जनजाति कुड़ती समाज के प्रदेश अध्यक्ष शिवाजी महतो व कुड़मी सेना के सदस्य सुदीप महतो शामिल रहे.

बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में समाज के नेता राजेश महतो ने बैठक को निराशाजनक करार दिया. उन्होंने कहा कि हमने अपनी मांगों को मुख्य सचिव के समक्ष रखा था, लेकिन उन्होंने हमारी मांगों को पूरा करने या विचार करने का कोई आश्वासन नहीं दिया. इस बैठक से हमें निराशा हाथ लगी है. महतो ने कहा कि कुड़मी समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने को लेकर केंद्र ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था. लेकिन अब तक राज्य सरकार ने केंद्र को इस बारे में अपना जवाब नहीं भेजा है.

यह राज्य सरकार की उदासीनता को दर्शाता है. मुख्य सचिव के साथ बैठक के बाद उनका अगला रूख क्या होगा, इस बारे में पूछे जाने पर महतो ने कहा कि सरकार के साथ हुई बैठक को लेकर संगठन की केंद्रीय कमेटी की मीटिंग में चर्चा की जायेगी और उसके बाद ही आगामी पहल की घोषणा होगी. उन्होंने कहा : कुड़मी समुदाय के लोगों को एसटी श्रेणी में शामिल करना हमारी मुख्य मांग है. हमने राज्य सरकार को कमेटी गठित करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन मुख्य सचिव ने इस संबंध में कोई आश्वासन नहीं दिया.

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वहीं, कुड़मी समुदाय के एक और संगठन ने राज्य सरकार के साथ बातचीत करने प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया है और उनका कहना है कि वह आदिवासी कुड़मी समाज के बैनर तले अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

गौरतलब है कि कुड़मी समुदाय के लोगों ने एसटी श्रेणी के रूप में मान्यता देने सहित अन्य मांगों को लेकर रेल रोक व पथावरोध किया था, इसकी वजह से दक्षिण पूर्व रेलवे क्षेत्र में कई ट्रेनें रद्द हो गयी थीं. यहां तक कि राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरूद्ध हो गया था. मंगलवार को राज्य सरकार के साथ बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला है, इसलिए आशंका है कि कुड़मी समुदाय एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर सकता है. हालांकि, इस संबंध में कुड़मी समुदाय ने कोई घोषणा नहीं की है.

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