केरेडारी (हजारीबाग) , अरुण यादव. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मजदूरों का पलायन रोकने वा गांव में ही रोजगार देने को लेकर केंद्र वा राज्य सरकार के द्वारा मनरेगा योजना के तहत विकास योजनाओं को संचालित किए. परंतु केरेडारी प्रखंड में संचालित मनरेगा योजना में गड़बड़झाला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. केरेडारी में हर महीने मनरेगा के तहत संचालित कुआं वा डोभा में जेसीबी का उपयोग बिचौलिया द्वारा किया जाता है. बीते दिनों केरेडारी प्रखंड के बरियातू में डेढ़ दर्जन से अधिक डोभा का निर्माण जेसीबी मशीन से कराया गया है. एक रात में ही जेसीबी मशीन के द्वारा पूरा डोभा तैयार कर दिया जाता है, और मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक एवम मेट के मिली भगत से पूरे योजना का राशि मनरेगा में रजिस्टर्ड मजदूरों से डिमांड मार कर पूरा राशि निकाल लिया जाता है.
26 डोभा का निर्माण कार्य जारी
वर्तमान समय में बरियातू पंचायत के बरियातू, सिरमा, समेत अन्य गांव में मनरेगा के तहत 26 डोभा का निर्माण कार्य जारी है. प्रत्येक डोभा लगभग 4.50 लाख रुपए के लागत से बनाया जा रहा है. लगभग सभी योजनाओं में पैसे की निकासी की गई है. नाम नहीं बताने पर एक ग्रामीण ने बताया कि यहां मनरेगा से पूर्व में भी कई डोभा का निर्माण हुआ है. परंतु इसका कोई उपगयोग नहीं होता, सिर्फ निजी स्वार्थ के लिए डोभा बनाया जाता है. इस संबंध में रोजगार सेवक शशिभूषण प्रसाद ने कहा की डोभा का निर्माण लाभुक स्वयं करते है. योजनाओं से बनने की सूचना मिली है, जांचकर कार्रवाई किया जायेगा.
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पंचायत सचिव ब्रज किशोर महतो ने कहा कि मनरेगा योजना का देखरेख रोजगार सेवक, मेट वा अन्य लोगो के द्वारा किया जाता है. योजना में जेसीबी चलने को जानकारी नहीं था. योजनाओं का जांच कर लाभुक पर कार्रवाई किया जायेगा. क्या कहते है बीपीओ इस मामले में बीपीओ सुमन कुमार शर्मा ने कहा की हेवई में जेसीबी से कार्य होने की सूचना मिली है. जांच कर कार्रवाई किया जाएगा.अवैध रूप से निकासी होने पैसे की रिकवरी भी होगी. मुखिया ने इस मामले में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.