बिहार के 46 हजार अत्यंत गरीब परिवारों को रोजगार से जोड़ने की कवायद शुरू की गयी है. इसके लिए जीविका की ओर से राज्यभर से कुल 45926 गरीब परिवारों का चयन कर मनरेगा को इसकी सूची सौंपी गयी है. मनरेगा की ओर से इन परिवारों को रोजगार से जोड़ने के लिए वर्क प्लान भी तैयार कर लिया गया है.
डेयरी तथा मुर्गी पालन के लिए दिया जाएगा शेड
राज्य के सभी 38 जिलों में बकरी पालन, डेयरी तथा मुर्गी पालन के लिए शेड का निर्माण कर इन लाभुकों को दिया जायेगा. ताकि, वे गांव में ही रहकर बकरी, मुर्गी पालन और डेयरी में रोजगार कर सकें. 16250 बकरी शेड, 1708 डेयरी तथा 106 मुर्गी शेड का निर्माण कर इन परिवारों को दिया जायेगा. सबसे अधिक गया में 3565 तथा सबसे कम किशनगंज में 97 परिवारों का चयन किया गया है.
2432 को पहले से दिया जा रहा लाभ
जीविका की ओर से मनरेगा को सौंपी गयी सूची जिलों को भेजी गयी थी. सभी 38 जिलों की ओर से बताया गया है कि जीविका की ओर से सौंपी गयी सूची में से 2432 परिवारों को पूर्व से ही योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.
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इन जिलों में इतने परिवारों को मिलेगा रोजगार
अररिया – 939, अरवल -726, औरंगाबाद -1276, बांका – 856, बेगूसराय -1038, भागलपुर – 1877, भोजपुर – 1112, बक्सर – 1738, दरभंगा – 2197, गया – 3565, गोपालगंज – 949, जमुई – 762, जहानाबाद – 1039, कैमूर – 799, कटिहार – 2229, खगड़िया -1143, किशनगंज – 97, लखीसराय – 798, मधेपुरा -1108, मधुबनी -1722, मुंगेर – 2147, मुजफ्फरपुर -1580, नालंदा – 1270, नवादा – 999, पश्चिमी चंपारण – 667. पटना – 577, पूर्वी चंपारण -1289, पूर्णिया -1188, रोहतास -1107, सहरसा – 925, समस्तीपुर – 1538, सारण – 1043, शेखपुरा – 548, शिवहर – 1249, सीतामढ़ी – 1657, सीवान – 887, सुपौल – 338, वैशाली – 947.