Jharkhand News: तीन वर्षों से राज्य में 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति नहीं बन पायी है. इस कारण योजनाओं की मॉनिटरिंग धरातल पर नहीं हो पा रही है. न ही योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर समन्वय स्थापित हो पा रहा है. जनहित की योजनाओं की निगरानी व उसका अनुश्रवण भी प्रभावित है. राज्य में इससे जुड़ी व्यवस्था फेल है. विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
अब तक नहीं हो पाया राज्यस्तरीय कमेटी का गठन
जानकारी के अनुसार, पांच फरवरी, 2020 को वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार ने पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार द्वारा गठित कमेटी को भंग कर दिया था. समिति के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बने जबकि झामुमो के वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी को 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि, एक माह बाद श्री मरांडी को उपाध्यक्ष का जिम्मा दिया गया, लेकिन राज्यस्तरीय कमेटी का गठन अब तक नहीं हो पाया.
मंत्रियों के मिला था जिले का प्रभार
सरकार ने 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति के बेहतर कामकाज और योजनाओं की निगरानी के लिए कैबिनेट के मंत्रियों को अलग-अलग जिला की जिम्मेवारी दी थी. शिक्षा मंत्री स्वर्गीय जगरनाथ महतो को रांची जिला का प्रभारी बनाया गया था. उनके निधन के बाद रांची जिला में 20 सूत्री प्रभारी का पद खाली है. मंत्री रामेश्वर उरांव को सिमडेगा, खूंटी, गुमला, आलमगीर आलम को साहिबगंज, बोकारो, गोड्डा, चंपई सोरेन को देवघर, दुमका, जामताड़ा, मिथिलेश ठाकुर को गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम, मंत्री बन्ना गुप्ता को सरायकेला-खरसांवा, धनबाद, जोबा मांझी को पलामू, पाकुड़, लातेहार, सत्यानंद भोक्ता को लोहरदगा, हजारीबाग, रामगढ़, हफिजुल हसन को चतरा, कोडरमा और बादल पत्रलेख को पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा का प्रभारी बनाया गया था. प्रभार वाले जिला में मंत्री समय-समय पर मॉनिटरिंग नहीं कर पा रहे हैं. यहां भी प्रभारी मंत्रियों के साथ कमेटियों की बैठक नहीं हो पा रही है.
गठबंधन के दलों ने प्रखंड व जिला में कमेटी गठन कर कार्यकर्ताओं को किया एडजस्ट
राज्यभर में 20 सूत्री कमेटियों में केवल कार्यकर्ताओं को खुश करने की औपचारिकता पूरी की गयी है. झामुमो, कांग्रेस और राजद ने प्रखंड व जिलास्तर पर कमेटी बनाकर सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं व नेताओं को एजडस्ट किया. घटक दलों ने काफी मशक्कत के बाद प्रखंड व जिला में कमेटी बनाया. इसके लिए घटक दलों के बीच एक कमेटी भी बनी थी. जिला में नेताओं को जिम्मेवारी तो मिल गयी, लेकिन कहीं भी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कोई पहल नहीं हो रही है.
क्या है 20 सूत्री का काम
– गरीबी उन्मूलन सहित सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की मॉनिटरिंग
– केंद्र और राज्य की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर समन्वय
– केंद्र ओर राज्य की योजनाओं का जमीनी स्तर पर निगरानी और अनुश्रवण
– राज्य सरकार को योजनाओं के बेहतर संचालन के लिए सुझाव देना.