गुमला, दुर्जय पासवान. झारखंड राज्य के लोहरदगा से गुमला होते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा तक रेलवे लाइन बिछाने की उम्मीद एक बार फिर जगी है. केंद्रीय रेल मंत्रालय ने उपायुक्तों को पत्र जारी कर ड्रोन सर्वे कराने में सहयोग करने को कहा है. इस संबंध में जशपुर जिला के उपायुक्त ने भी पत्र जारी किया है. जिसमें उन्होंने ड्रोन सर्वे के लिए पुलिस अधीक्षक व रेलवे से सहयोग मांगी है.
यहां बता दें कि रायगढ़ संसदीय क्षेत्र की सांसद गोमती साय ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय रेल मंत्रालय से मिलकर लोहरदगा, गुमला होते हुए कोरबा तक रेलवे लाइन बिछाने की मांग की है. साथ ही रेलवे लाइन बिछाने की कवायद जल्द शुरू करने की भी मांग की है. सांसद की पहल के बाद एक बार फिर रेलवे लाइन का मुद्दा सुर्खियों में आ गया है. गुमला जिले के दर्जनों सोशल मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप में ड्रोन सर्वे व ट्रेन रूकने के स्टेशन की सूची वायरल हुई है.
यह पत्र जशपुर उपायुक्त व दक्षिण पूर्व केंद्रीय रेलवे के नाम से जारी है. रेलवे लाइन बिछाने, सर्वे व ट्रेन ठहराव के स्टेशन की सूची जारी होने से गुमला के लोग खुश हैं. क्योंकि गुमला व जशपुर अब तक रेलवे लाइन से नहीं जुड़ सका है. रेल सुविधा नहीं रहने से आज भी ये दोनों जिला पिछड़ा हुआ है. इसका असर सिमडेगा व लोहरदगा जिला की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है.
अगर लोहरदगा से होते हुए गुमला भाया कोरबा तक रेल लाइन बिछ जाता है तो झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती जिलों के विकास के साथ आर्थिक संकट की समस्याओं का समाधान होगा. रोजगार के अवसर खुलेंगे. कृषि को सबसे ज्यादा बढ़ावा मिलेगा.
रायगढ़ की सांसद गोमती साय की पहल के बाद केंद्रीय रेल मंत्रालय ने धर्मजयगढ़ से पत्थलगांव होकर लोहरदगा तक रेल लाइन विस्तार के लिए कलेक्टर रायगढ़, जशपुर के अलावा गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा को पत्र जारी कर सर्वेक्षण दल द्वारा किये जाने वाले अंतिम ड्रोन सर्वे में सहयोग कराने को कहा है.
केंद्रीय रेल मंत्रालय का पत्र प्राप्त होते ही कलेक्टर जशपुर ने रेलवे लाइन के बीच आने वाले एरिया के अधिकारियों को पत्र जारी कर सर्वेक्षण दल को पूर्ण रूप से सहयोग करने को कहा है. ताकि सर्वेक्षण के बाद रेल लाइन का विस्तार जल्द पूरा हो सके. सांसद गोमती साय ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर रेल लाइन विस्तार की मांग की थी. साथ ही सांसद बनने के बाद केंद्रीय रेल मंत्री से भी मिलकर मांग रखी थी.
झारखंड व छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली रेल मार्ग कोरबा भाया जशपुर व गुमला से लोहरदगा तक रेल लाइन बिछाने की मांग इन दोनों राज्यों के पांच जिलों में लंबे समय से उठ रही है. पूर्व में भी कोरबा से लोहरदगा तक 250 किमी सर्वे हो चुका है. लेकिन अभी भी कोरबा, रायगढ़, जशपुर व गुमलावासियों के लिए रेल लाइन एक सपना बना हुआ है. परंतु, इधर पुन: ड्रोन सर्वे करने का पत्र जारी होने के बाद लोगों में उम्मीद जगी है.
लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के सांसद सुदर्शन भगत, गुमला विधायक भूषण तिर्की के अलावा रायगढ़ संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद विष्णुदेव साय ने भी पहले रेल लाइन बिछाने की मांग कर चुके हैं.
झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्य की दूरियों को कम करने व रेल सुविधा को लेकर सर्वप्रथम 1975 में कोरबा से रांची जिला तक रेल लाइन बिछाने की मांग उठी थी. लेकिन रांची से कोरबा की दूरी को देखते हुए अंत में कोरबा से लोहरदगा तक रेल लाइन बिछाने की मांग उठने लगी. यह मांग अभी भी अनवरत जारी है. दोनों राज्य के सांसद व विधायक कई बार रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे कराये. लेकिन सर्वे तक ही रेल लाइन सिमट कर रह गया है.
कोरबा भाया जशपुर, गुमला से लोहरदगा तक रेल लाइन बिछ जाता है, तो 250 किमी की दूरी तय करनी होगी. साथ ही गरीब लोगों को सुगम यात्र मिलेगा. कोरबा व लोहरदगा जिला में उद्योग स्थापित है. यहां से कच्चे माल का आयात निर्यात आसानी से होगा. साथ ही यहां के बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे. सबसे बड़ा फायदा गुमला से होगा, जो कृषि के क्षेत्र में नित्य आगे बढ़ रहा है. किसानों द्वारा उपाजायी गयी सब्जी छत्तीसगढ़ राज्य भी आसानी से भेजे जा सकते हैं.