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सरकारी जमीन की हेराफेरी मामले में ED का IAS छवि रंजन समेत 18 लोगों के ठिकानों पर छापा, जमकर हो रही पूछताछ

छापामारी के क्रम में ही सीओ मनोज कुमार, सीआइ भानु सहित सभी जमीन दलालों को पूछताछ के लिए इडी कार्यालय ले जाया गया. सभी से जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने और बेचने के सिलसिले में आमने-सामने पूछताछ की जा रही है

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गुरुवार को सरकारी जमीन की हेराफेरी के मामले में आइएएस अधिकारी छवि रंजन, अंचल अधिकारी मनोज कुमार सहित जमीन के कारोबार से जुड़े 18 लोगों के कुल 21 ठिकानों पर छापा मारा. छापामारी के दायरे में झारखंड के 18, बिहार के एक और पश्चिम बंगाल के दो ठिकानों को शामिल किया गया है. छवि रंजन फिलहाल समाज कल्याण निदेशक के पद पर पदस्थापित हैं. छापेमारी के दौरान छवि रंजन से उनके आवास पर ही इडी ने पूछताछ की. शाम आठ बजे उन्हें छोड़ा गया. अब इडी उन्हें बुला कर पूछताछ करेगा.

सीओ, सीआइ और जमीन दलालों को लाया गया इडी कार्यालय :

छापामारी के क्रम में ही सीओ मनोज कुमार, सीआइ भानु सहित सभी जमीन दलालों को पूछताछ के लिए इडी कार्यालय ले जाया गया. सभी से जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने और बेचने के सिलसिले में आमने-सामने पूछताछ की जा रही है. सीआइ से पूछा गया है कि उसने अपने घर में रजिस्टर-टू सहित अंचल कार्यालय के दूसरे महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज कैसे और क्यों रखे हुए थे. अंचल अधिकारी से भी पूछा गया है कि सीआइ को सरकारी दस्तावेज घर ले जाने की अनुमति कैसे मिल गयी.

छापामारी के दौरान जमीन कारोबारियों के ठिकानों से जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उससे संबंधित रिपोर्ट को सत्यापित करने में इस्तेमाल किये जानेवाले अधिकारियों की ‘सील-मोहर’ मिले हैं. सीआइ भानु प्रताप के घर से भारी मात्रा में जमीन के ‘सेल डीड’ सहित अन्य प्रकार के सरकारी दस्तावेज मिले हैं. छविरंजन के मोबाइल से जमीन के मामले में इडी द्वारा पूछे जानेवाले संभावित सवाल और उसके लिखे हुए जवाब मिले हैं.

इसे जमीन की हेराफेरी मामले की जांच में पहले चरण के दौरान विष्णु अग्रवाल व अन्य के ठिकानों पर इडी की छापामारी के बाद तैयार किया गया है. छापामारी में मिले दस्तावेज के मद्देनजर जमीन कारोबारियों द्वारा अफसरों की मदद से जालसाजी कर आमलोगों की जमीन बेच दिये जाने का अनुमान लगाया जा रहा है.

चंदन बागची के आसनसोल स्थित ठिकाने पर छापेमारी :

इडी के अधिकारियों ने जमीन की हेराफेरी के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के आरोप में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, बड़गाईं के सीओ मनोज कुमार, सीआइ भानु प्रताप, अमीन सुजीत कुमार सहित जमीन कारोबार से जुड़े फैयाज खान, इम्तियाज अहमद, अफसर अंसारी, लखन सिंह, तबरेज अख्तर सहित 18 लोगों के ठिकानों पर छापा मारा. इडी ने सेना की जमीन की हेराफेरी करनेवाले चंदन बागची के आसनसोल स्थित ठिकाने पर छापा मारा.

बागची ने बड़गाईं निवासी जफिउल्लाह नामक व्यक्ति के कंज्यूमर और आइडी नंबर में जालसाजी कर अपना नाम लिख लिया था. इसी फर्जी दस्तावेज के आधार पर उसने नगर निगम से जमीन का होल्डिंग नंबर लिया और सेना के कब्जेवाली जमीन जगत बंधु टी स्टेट नामक कंपनी को बेच दी. इस कंपनी का संबंध अमित अग्रवाल से है.

सेना की जमीन की हेराफेरी मामले में मनोज कुमार व छविरंजन की बड़ी भूमिका :

इडी द्वारा जारी जांच के दौरान सेना की जमीन की हेराफेरी के मामले में अंचलाधिकारी मनोज कुमार और उपायुक्त छवि रंजन की महत्वपूर्ण भूमिका पायी गयी है. मनोज कुमार ने उपायुक्त को एक पत्र भेजा था. इसमें इसका उल्लेख किया गया था कि संबंधित जमीन की रजिस्ट्री की जा सकती है. अंचल अधिकारी के इस पत्र को उपायुक्त के स्तर से सब रजिस्ट्रार को भेजा गया था.

इसके बाद ही इस जमीन की रजिस्ट्री हुई थी. इडी ने जमीन की खरीद-बिक्री के लिए तैयार किये गये दस्तावेज और कोलकाता की गयी रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज भी जब्त कर लिया है. जब्त किये गये एक दस्तावेज में 1932 में पश्चिम बंगाल राज्य का उल्लेख किया गया है. जबकि, पश्चिम बंगाल राज्य का गठन देश के विभाजन के बाद हुआ. प्रदीप बागची के आसनसोल स्थित मकान से भी जमीन से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं.

इडी ने हेहल अंचल की 7.16 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री को भी जांच के दायरे में किया शामिल :

इडी ने सरकारी जमीन की हेराफेरी के मामले में हेहल अंचल की 7.16 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री के मामले को भी शामिल कर लिया है. जमीन की इस हेराफेरी के मामले में भी छवि रंजन की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने विधि-व्यवस्था के नाम पर पुलिस बल तैनात कर जमीन की घेराबंदी करवा दी थी. तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने सरकार के आदेश के आलोक में इस मामले की विस्तृत जांच की थी. साथ ही छवि रंजन के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी. प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट के बाद सरकार ने छवि रंजन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन, प्रमंडलीय आयुक्त का तबादला कर दिया गया.

इनके यहां पड़ा छापा

1. छवि रंजन, आइएएस : फ्लैट नं ए-बी, लोंगिया अपार्टमेंट, एन-1 ब्लॉक मार्केट, कदमा, जमशेदपुर.

4सी, दामोदर जैमनी सोसाइटी, ओएना, कांके रोड, बजरा

बरियातू रोड स्थित सरकारी आवास

2. मनोज कुमार, अंचल अधिकारी : रामेश्वरम लेन, आर्ची अपार्टमेंट, सी-1, मोरहाबादी रांची.

3. भानु प्रताप, सीआइ : हिल व्यू रोड, रोड नंबर-7, बरियातू, रांची और झूलन सिंह चौक सिमडेगा स्थित मकान.

4. दीपक कुमार : फ्लैट नं-302, शकुंतला अपार्टमेंट, हेसाग, रांची

5. तलहा खान उर्फ सन्नी : राहत नर्सिंग होम, बरियातू.

6 बीरेंद्र साहू : तीसरा तल्ला, एनजी गार्डन, रांची.

7. राजेश राय : गोपालगंज, पोस्ट खजूरी, सासामुसा, बनतिल.

8. भरत प्रसाद : बीएसएफ मेरू, बड़कागांव, हजारीबाग.

9. लखन सिंह : कुलिया टेंगरा, कोलकाता.

10. अफसर अली : राहत नर्सिंग होम के नजदीक, बरियातू.

11. इम्तियाज अहमद : मनी टोला, हिनू, रांची

12. अशोक सिंह : हटिया, रांची.

13. फैयाज खान : मिल्लत कॉलोनी, बरियातू, रांची.

14. सुजीत कुमार, अमीन : हिल व्यू रोड, रोड नंबर-7, बरियातू.

15. तबरेज अख्तर : अफजल रेसिडेंसी, सी ब्लॉक, फ्लैट नंबर ए-02, चौहान कॉलोनी, मोरहाबादी, रानी बगान.

16. अजहर खान : मकान नं-28, सेकंड स्ट्रीट, हिंदपीढ़ी, रांची.

17. सद्दाम हुसैन : बरियातू, रांची.

18. प्रदीप बागची : उदयांचल टावर, टीपी रोड, आसनसोल

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