बिहार के मुजफ्फरपुर से मोबाइल टावर चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है. जिले के सदर थाना के श्रमजीवी नगर से बंद मोबाइल टावर चोरी हो गयी है. निरीक्षण के दौरान टावर एक्यूजेशन अफसर मो. शहनवाज अनवर को टावर के साथ-साथ अन्य कई उपकरण नहीं मिले. इसे लेकर उन्होंने सदर थाने में गुरुवार को अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है. थाने को दिये आवेदन में मो. शहनबाज ने बताया है कि श्रमजीवी नगर की मनीषा कुमारी के आवासीय परिसर में जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने मोबाइल टावर लगाया था. हालांकि, कुछ दिनों से टावर बंद था. निरीक्षण के दौरान पहुंचा तो वहां टावर नहीं था. इसके अलावा शेल्टर, डीजल जेनरेटर, एसएमपीएफ, स्टेबलाइजर भी नहीं था. जिसकी कीमत करीब साढ़े चार लाख रुपये थे.
पुलिस की छानबीन में मनीषा कुमारी ने बताया है कि कुछ माह पूर्व कुछ लोग आये और खुद को जीटीएल कंपनी का कर्मचारी बताया. इसके बाद वे लोग टावर को खोलकर लेकर चले गये. साथ में जितना उपकरण था. वह भी पिकअप पर लोड कर ले गये. अब पुलिस उक्त टावर की देखरेख और गार्ड की नौकरी करने वाले से पूछताछ की तैयारी में जुटी है. इनसे पूछताछ के बाद ही मामले का खुलासा हो सकेगा कि यह गबन है या चोरी.
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बिहार में टावर चोरी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले राजधानी पटना में भी टावर चोरी का एक मामला नवम्बर 2022 में सामने आया था. बताते चलें कि उस चोरी में भी इसी तर्ज पर चोरों ने खुद को कंपनी का आदमी बताया था और 72 घंटों में टावर खोल कर ले गए थे. पटना के गर्दनीबाग निवाशी ललन सिंह के यहां लगे टावर पर चोरों ने हाथ साफ किया था. ललन सिंह को बताया कि घाटे के कारण कंपनी ने उन्हें मोबाइल टावर हटाने के लिए भेजा है. वहीं संदिग्धों की बातों में आकर ललन सिंह ने उनकी पहचान की जांच किए बिना अपनी सहमति दे दी थी. इसके बाद करीब 25 लोगों ने तीन दिनों तक चौबीसों घंटे काम किया. गैस कटर से मोबाइल टावर को टुकड़ों में काट लिया. इसके बाद सभी टुकड़ों को एक ट्रक में भरकर फरार हो गए थे.