IMF-WB Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण श्रीलंका के लोन मुद्दों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक में शामिल हुईं. बैठक में उन्होंने संकटग्रस्त देश श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने के लिए भारत की ओर से पूरा समर्थन देने की प्रतिबद्धता भी जताई. निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऋण पुनर्गठन चर्चाओं में सभी लेनदारों के साथ व्यवहार में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करने के लिए लेनदारों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है. यह बैठक बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना वसंत बैठकों से इतर हुई.
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि जापान के वित्त मंत्री सुजुकी शुनिची, श्रीलंका के वित्त राज्यमंत्री शेहान सेमासिंघे और इमैनुअल मॉलिन के अलावा फ्रांस के अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे. इसमें श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए. इस बैठक में, मंत्रियों ने श्रीलंका के समन्वित ऋण पुनर्गठन के लिए तीन सह अध्यक्षों भारत, जापान और फ्रांस के तहत श्रीलंका पर ऋण पुनर्गठन वार्ता प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की.
इससे पहले, मंगलवार को आईएमएफ ने एक ब्रीफिंग में कहा कि जापान-भारत और फ्रांस गुरुवार को स्प्रिंग मीटिंग के अंत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इसमें श्रीलंका के कर्ज पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की जाएगी. बयान में कहा कि तीनों देश मिलकर श्रीलंका के लिए एक लोन पुनर्गठन के लिए काम कर रहे हैं. श्रीलंका के लोन पुनर्गठन के लिए 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर बेल आउट देने के लिए एक शर्त बनाया था. आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने ईएफएफ योजना के तहत तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर तीनों देशों के आश्वासन के बाद श्रीलंका को 48 महीनों के लिए मंजूर की है. तीन बिलियन डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम की पहली किश्त श्रीलंका को मिल भी चुकी है. आईएमएफ की वार्ताओं में शामिल राष्ट्रपति विक्रमसिंघे और वित्त मंत्री सेमासिंघे ने बेलआउट प्रोग्राम के लिए भारत और वित्त मंत्री सीतारमण का शुक्रिया किया है. 17वें आईएमएफ बेलआउट को कोलंबो के लिए काफी लंबी बैठकों के बाद मंजूरी दी गई थी.
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