पटना. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी एकता की कवायत तेज हो गयी है. कांग्रेस की पहल पर शुरू हुई इस कवायत में बिहार का अहम रोल है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तमाम समान विचारधारा वाली पार्टी से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. वैसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खुद भी कई दलों के नेताओं से बात कर रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात की. ऐसे में यह सवाल सभी के मन में उठ रहा है कि आखिर भाजपा नीत नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता का ढांचा कब तक तैयार हो जायेगा. इस संबंध में राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने काफी कुछ बता दिया है.
एक समाचार चैनल से बात करते हुए राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि विपक्षी एकजुटता पर काफी दिनों से काम चल रहा है और अब इस काम में तेजी आयी है. पार्टी प्रमुखों के स्तर पर बातचीत हो रही है. हमसब को थोड़ा और इंतजार करना होगा. अगले 4 महीने के अंदर विपक्ष का ढ़ांचा तैयार हो जायेगा. सभी एक साथ मंच साझा करेंगे. अभी यह बता पाना बेहद मुश्किल हैं कि इस गठबंधन में कौन-कौन से दल शामिल होंगे, लेकिन दलों की संख्या दो दर्जन से अधिक हो सकती है.
प्रधानमंत्री पद को लेकर पूछे गये सवाल पर मनोज झा ने दो टूक कहा कि किसी चेहरे की इर्द गिर्द राजनीति नहीं होगी, ताकि लोकतंत्र कमजोर न हो. सीएम नीतीश कुमार की जिम्मेदारी है वो कुछ लोगों से बात करेंगे. कुछ लोगों से बात करने की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम तेजस्वी को यादव को दी गयी है. हर आदमी को एक दायरे में रहकर काम करना है. हर नेता और पार्टी के लिए जगह तय की गयी है. उन्होंने कहा कि हम लोगों के बीच चेहरा नहीं मुद्दे लेकर जाएंगे. पूरी लड़ाई वैचारिक होगी और नीतिगत ही विरोध होगा.
नीतीश कुमार के लिफाफा देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि लिफाफे की राजनीति भाजपा करती है. सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दिल्ली राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने गये थे. वहां लिफाफा खुला था ताकि अलग-अलग दलों से संवाद दर संवाद कायम हो सके. वहीं तेजस्वी यादव को बिहार की कमान देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ना नीतीश कुमार को पीएम बनने की जल्दी है और न ही तेजस्वी को सीएम बनने की. ये वो दोनों पहले ही कह चुके हैं.