बर्दवान, मुकेश तिवारी. पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राजू झा की हत्या का झारखंड और उत्तर प्रदेश कनेक्शन सामने आया है. झारखंड के हजारीबाग जेल में बंद गैंगस्टर अमन सिंह का नाम भी इस हत्याकांड से जुड़ रहा है. अमन सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. राजू झा हत्याकांड की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने बर्दवान मुख्य सत्र न्यायालय में एक याचिका दाखिल की है. इसमें उसने हजारीबाग जेल में बंद अमन सिंह के सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं.
एसआईटी ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वह जानना चाहती है कि पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ में 1 अप्रैल 2023 को अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा दुर्गापुर के कोयला कारोबारी राजेश उर्फ राजू झा की हत्या से पहले और उसके बाद झारखंड के हजारीबाग जेल में अमन सिंह से कौन-कौन लोग मिले थे.
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खबर है कि इस हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी की दो टीमों के अधिकारी राकेश सिंह और अरूप भौमिक बुधवार को हजारीबाग जेल गये थे. अधिकारियों ने अमन सिंह से जेल में बातचीत भी की. इससे पहले शनिवार को पूर्व बर्दवान जिले के पुलिस अधीक्षक कामनाशीष सेन ने हजारीबाग जेल के अधीक्षक से बात की थी.
हजारीबाग जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह से प्रारंभिक पूछताछ के बाद दोनों अधिकारियों ने जिला पुलिस को एक रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही गुरुवार को जिला पुलिस ने हजारीबाग जेल के सीसीटीवी फुटेज के लिए कोर्ट में आवेदन किया है. सूत्रों का कहना है कि अब तक की जांच से कुछ अधिकारी आश्वस्त हैं कि उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर अमन सिंह ने ही राजू झा की हत्या की सुपारी ली थी.
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दूसरी ओर, एसआईटी ने राजू झा के शव के साथ कार में मिले दो बैग को जिला मुख्य सत्र न्यायालय में जमा करा दिया है. उस बैग में राजू झा के कपड़े और एक लाख रुपये नकद के साथ-साथ एक बोतल महंगी विदेशी शराब थी. इसके अलावा, पुलिस ने हमलावरों के परित्यक्त वाहन से बरामद 12 राउंड कारतूस भी कोर्ट में जमा कराये हैं. ये 8 एमएम और 9 एमएम की गोलियां हैं.
राजू के शव से पोस्टमार्टम के दौरान मिली चार गोलियां 7.65 एमएम की थीं. इससे जांचकर्ताओं को पता चला कि हमलावर राजू झा की हत्या के लिए कम से कम तीन तरह के आग्नेयास्त्र लाये गये थे. पुलिस को जो वीडियो फुटेज मिले हैं, उसमें एक पीली शर्ट वाला हमलावर पिस्तौल से फायर करते नजर आ रहा है. दूसरी बार उसके हाथ से हथियार गिर गया.
पुलिस का एक वर्ग इसे अत्याधुनिक हथियार मानने को तैयार नहीं है. वहीं, कुछ पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि यह वास्तव में मुंगेरी पिस्तौल थी. एसआईटी के लिए यह बड़ा सवाल है की यदि अमन सिंह इस हत्याकांड में शामिल था, तो वह जेल से बाहर कैसे आया? यदि अमन सिंह ने जेल में बैठकर ही सुपारी ली है, तो सुपारी देने वाले कौन लोग हैं?