Baisakhi Festival 2023: खालसा पंथ के स्थापना दिवस को बैसाखी पर्व रूप में मनाया जाता है. राजधानी लखनऊ में बैसाखी पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. रंगबिरंगे फूलों से सजे गुरुद्वारों में रागी जत्थों ने शबद कीर्तन कर गुरु महिमा का बखान किया जा रहा है. सभी से गुरु गोविंद जी के दिखाए मार्ग पर चलने की अपील की जा रही है. ऐतिहासिक याहियागंज गुरुद्वारे में बैसाखी पर्व के मौके पर गुरु का प्रसाद लंगर सभी के बीच वितरित किया जाएगा. हजारों की संख्या में भक्तों ने पहुंच कर लंगर छका. गुरु गोविंद जी सिखों के दसवें गुरु थे. उन्होंने 1699 में बैसाखी के पर्व के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी. तभी से बैसाखी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन से सिखों के नए साल की शुरुआत होती है. सिख समुदाय के लिए यह दिन बहुत ही खास है. इसी दिन गुरु गोविंद सिंह जी ने पंज प्यारों को अमृत पान कराया था. तभी से बैसाखी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन से सिखों के नए साल की शुरुआत होती.
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Baisakhi Festival : राजधानी लखनऊ में बड़े उल्लास के साथ मनाया गया बैसाखी पर्व
Baisakhi Festival 2023: खालसा पंथ के स्थापना दिवस को बैसाखी पर्व रूप में मनाया जाता है. राजधानी लखनऊ में बैसाखी पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. रंगबिरंगे फूलों से सजे गुरुद्वारों में रागी जत्थों ने शबद कीर्तन कर गुरु महिमा का बखान किया जा रहा है.
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