गया. भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के दो दिवसीय बंदी के पहले दिन शुक्रवार को बांकेबाजार में व्यापक असर देखने को मिला. नक्सली बंदी के दौरान शुक्रवार को बांकेबाजार में तमाम दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था. बांकेबाजार प्रखंड के बांकेबाजार, बांकेधाम, रौशनगंज, बालासोत, पननियां, चौगांई, बिशुनपुर, तिलैया आदि बाजार बंद रहे. वहीं, छोटे-बड़े वाहनों का भी परिचालन सड़क पर पूर्णतः ठप रहा. वाहनों के नहीं चलने से यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में कठिनाइयों का सामना करना. हालांकि कहीं-कहीं पर ऑटो का परिचालन देखा गया, उसी के सहारे लोग सफर तय करते नजर आये. वहीं, बांकेबाजार प्रखंड के तमाम बैंक भी बंद रहे. बैंकों में शुक्रवार को ताले लटके थे. बांकेबाजार के मुख्य बाजार में संचालित चार एटीएम भी बंद रहे.
दो दिवसीय बंदी के आह्वान के पहले दिन बंदी का डुमरिया प्रखंड क्षेत्र में भी व्यापक असर देखने को मिला. प्रखंड क्षेत्र के सभी बाजार की दुकानें बंद रहीं. मैगरा, नारायणपुर, मंडर, मंझौली व कोलसयत आदि बाजार की दुकानें नहीं खुलीं. बसों का परिचालन बिल्कुल ही बंद रहा. बंद का असर इतना रहा कि इक्का-दुक्का ऑटो रिक्शा को छोड़ शेष बंद रहे. सड़कों पर निजी वाहन व दोपहिया वाहन चलते नजर आये. कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हो, इसको लेकर सुरक्षा बल चौकस दिखा. बंदी के कारण आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. रोजेदार लोगों व नमाजी लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा.
जिले के इमामगंज प्रखंड में भी बंद के कारण वीरानी छायी रही. इस दौरान स्टेट हाइवे 69 पर इक्का-दुक्का ही वाहन चलते दिखाई पड़े. वही इमामगंज, रानीगंज, कोठी व सलैया आदि बस स्टैंड से कोई भी यात्री वाहन नहीं खुले, जिससे यात्रियों को आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इस दौरान पेट्रोल पंप, बैंक आदि भी बंद रहे. रानीगंज-इमामगंज के तमाम छोटे-बड़े सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रहे. इससे खरीदारी करने आये ग्रामीणों को चिलचिलाती धूप में काफी दिक्कत उठाना पड़ा. हालांकि इस दौरान पुलिस पैट्रोलिंग करते दिखायी पड़ी.
नक्सलियों के दो दिवसीय बंद को लेकर बाराचट्टी के दोनों पेट्रोल पंप बंद रहे. पेट्रोल पंप बंद रहने के कारण लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ी. वहीं जीटी रोड पर वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से होती रही. बंदी को लेकर सुरक्षा बलों की ओर से कड़ा चौकसी अभियान चलाया गया. वहीं बाराचट्टी मोहनपुर सड़क पर वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से चलती रही. थानाध्यक्ष राम लखन पंडित ने बताया कि सुरक्षा बल स्थिति पर लगातार नजर बनाये हुए हैं.
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गौरतलब है कि पिछले तीन अप्रैल को झारखंड के चतरा जिले के लावालौंग के जंगली इलाके में पुलिस और माओवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गये थे. नक्सलियों की मौत के विरोध में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए पुलिस से बदला लेने की धमकी दी थी. नक्सली संगठन के द्वारा बांकेबाजार और रौशनगंज थाना क्षेत्र में पोस्टर चिपका कर दो दिवसीय बंदी का ऐलान किया गया था. जिसका असर पहले दिन जबरदस्त रूप से देखने को मिला.