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सेना की जमीन की हेराफेरी करने वाले प्रदीप बागची व सीआइ समेत 7 गिरफ्तार, पूर्व डीसी छविरंजन पर लगा गंभीर आरोप

इडी के अधिकारियों ने जमीन कारोबारियों और सरकारी अधिकारियों को कार्यालय ले जा कर पूछताछ की. देर रात करीब एक बजे के बाद सात लोगों को गिरफ्तार करने का फैसला किया गया.

सेना के कब्जेवाली जमीन की हेराफेरी करने के आरोप में इडी ने प्रदीप बागची सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किये गये लोगों की सूची में बड़गाईं के सीआइ भानु प्रताप के अलावा जमीन कारोबारी अफसर अली, तलहा खान, फैयाज खान, सद्दाम हुसैन और इम्तियाज अहमद के नाम शामिल हैं. इडी ने अभियुक्तों के पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश के आवास पर पेश किया. न्यायालय के आदेश के आलोक में सभी अभियुक्तों के जेल भेज दिया गया. कोर्ट ने इडी की ओर से दायर रिमांड पिटिशन पर 15 अप्रैल को सुनवाई की तिथि तय की है.

जमीन की हेराफेरी के मामले गुरुवार को शुरू हुई छापामारी देर रात समाप्त हो गयी. इडी के अधिकारियों ने जमीन कारोबारियों और सरकारी अधिकारियों को कार्यालय ले जा कर पूछताछ की. आमने-सामने बैठा कर पूछताछ के बाद इडी के अधिकारियों ने देर रात करीब एक बजे के बाद सात लोगों को गिरफ्तार करने का फैसला किया. इडी की ओर से पहले संबंधित लोगों को उन्हें गिरफ्तार किये जाने की विधिवत सूचना दी गयी. इसके बाद उनके पारिवारिक सदस्यों को गिरफ्तारी की सूचना दी गयी.

बागची को फोन कर रांची कार्यालय पहुंचने को कहा :

आसनसोल में प्रदीप बागची के ठिकानों पर हुई छापामारी के दौरान वह नहीं मिला. इडी के अधिकारियों ने उससे फोन पर संपर्क कर रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचने का निर्देश दिया. इसके बाद रात को वह इडी के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा. बागची ने ही सेना की जमीन की खरीद बिक्री के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किया था.

इसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि प्रदीप बागची के पूर्वज प्रफुल्ल बागची ने वर्ष 1932 में सेल डीड संख्या 4369 के सहारे खतियानी रैयत प्रमोद दास गुप्ता से यह जमीन खरीदी थी. फर्जी तरीके से तैयार किये गये इस सेल डीड की रजिस्ट्री पश्चिम बंगाल में दिखायी गयी थी. जबकि 1932 में पश्चिम बंगाल राज्य का गठन ही नहीं हुआ था. पश्चिम बंगाल राज्य का गठन देश के विभाजन के बाद हुआ. इडी ने इस फर्जी सेल डीड को कब्जे में ले लिया है.

सीओ ने छविरंजन पर दबाव देने का लगाया आरोप

बड़गाईं के अंचल अधिकारी मनोज कुमार ने पूछताछ के दौरान सेना के कब्जेवाली जमीन के पूरे प्रकरण में तत्कालीन उपायुक्त छविरंजन को जिम्मेवार बताया. अंचल अधिकारी ने इस मामले में उपायुक्त द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर भारी दबाव देने की बात कही. वहीं जमीन कारोबारी सद्दाम ने फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन की हेराफेरी करने के मामले में अफसर अली को गिरोह का सरगना बताया. उसने जमशेदपुर में भी जमीन की हेराफेरी के मामले में जेल जाने की बात स्वीकार की.

जालसाजी के शिकार लोग शिकायत लेकर इडी के दफ्तर पहुंचे

इडी द्वारा जमीन दलालों और संबंधित अफसरों के खिलाफ की गयी कार्रवाई की जानकारी मिलने के बाद कई लोग अपनी शिकायत लेकर इडी के पास पहुंचने लगे है. इडी के कार्यालय में आज बड़गाईं के दो लोग अपनी शिकायत लेकर पहुंचे. इन लोगों ने अपने जमीन की कागजात अधिकारियों को सौंपे. उन्होंने कहा कि दस्तावेज में जालसाजी कर दलालों ने अंचल कर्मियों के साथ मिलकर उनकी जमीन बेच दी. फर्जी तरीके से म्यूटेशन भी कर दी. इडी के अधिकारियों ने लोगों की शिकायतों के आलोक में उचित कार्रवाई करने और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने में मदद करने की बात कही.

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