गुजरात के सूरत शहर में आम आदमी पार्टी (आप) को जोरदार झटका लगा है. जी हां…यहां स्थानीय निकाय में उसके छह पार्षद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये हैं. पार्टी के एक पदाधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. इन पार्षदों ने गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी की मौजूदगी में शुक्रवार देर रात भाजपा का दामन थाम लिया.
आपको बता दें कि फरवरी 2021 में सूरत नगर निगम चुनाव में ‘आप’ ने शानदार प्रदर्शन किया था और 120 सदस्यीय नगर निगम में 27 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनी थी. भाजपा को 93 सीटें हासिल हुई थीं, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था.
इससे पहले, ‘आप’ के पांच पार्षद फरवरी 2022 में भाजपा में शामिल हो गये थे, लेकिन उनमें से एक पार्टी में लौट आया था. अब छह और पार्षदों के सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने से नगर निगम में ‘आप’ के सदस्यों की संख्या घटकर 17 रह गयी है. स्वागत समारोह में गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि ‘आप’ पार्षदों ने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा में शामिल हो गये हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आज ‘आप’ का असली चेहरा देश के सामने आ गया है. जिस तरीके से ‘आप’ नेताओं ने गुजरात और राज्य के लोगों का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, उसे देखते हुए पार्टी के पार्षद अपने वार्डों के विकास का संकल्प लेकर भाजपा में शामिल हो गये हैं.
भाजपा से जुड़ने वाले छह पार्षदों में से एक रुता खेनी ने कहा कि उन्होंने भाजपा की विचारधारा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है.
इस बीच, ‘आप’ की प्रदेश इकाई ने आरोप लगाया कि भाजपा उसके पार्षदों को लालच दे रही है और साथ ही धमका भी रही है. ‘आप’ पार्षद दीप्ति सकारिया ने एक वीडियो बयान में आरोप लगाया कि उन्हें राज्य की राजधानी गांधीनगर में भाजपा के एक मंत्री के आवास पर आमंत्रित किया गया था, जहां उन्हें भाजपा में शामिल होने के बदले पैसों की पेशकश की गयी थी. उन्होंने कहा कि मैंने इस बारे में हमारे महासचिव मनोज सोरठिया को सूचना दी थी. इस बीच, ‘आप’ के पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से पूरा मामला स्पष्ट हो गया. जिस तरीके से भाजपा उन्हें पार्टी में शामिल करने के लिए गुमराह कर रही है, वह देखना दुखद है.
एक अन्य ‘आप’ पार्षद रचना हिरपारा ने कहा कि जब से ‘आप’ पार्षदों ने चुनाव जीता है, तब से ही भाजपा उन्हें पार्टी में शामिल कराने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि हमने जब से चुनाव जीता है, तब से ही हमें पेशकश की जा रही है. भाजपा पेशकश दे रही है और कई पार्षद इसके जाल में फंस रहे हैं. उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने के एवज में 50 लाख रुपये लिये हैं.