बिजली की किल्लत और पेयजल का संकट किसी भी मौसम में आम आदमी के लिए परेशानी के सबब बन जाते हैं. लेकिन, जब भीषण गर्मी के बीच ये दोनों मूलभूत सुविधाएं लोगों को मयस्सर नहीं हों, तो कदम-कदम पर टैक्स भरनेवाली आम जनता की तकलीफ का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.
पिछले कुछ दिनों से राजधानी का पारा लगातार चढ़ रहा है, जबकि यहां बिजली और पानी की किल्लत जग जाहिर है. बिजली की मांग बढ़ने के कारण लोड शेडिंग करनी पड़ रही है. वहीं, शहर के विभिन्न हिस्सों में जल संकट भी गहराता जा रहा है. ऐसे में गर्मी के इस गणित के परिणाम में शहरवासियों को केवल और केवल परेशानी हाथ लग रही है.
40 डिग्री पारा के बीच राजधानी के कई मोहल्ले में जलसंकट गहराने लगा है. विभिन्न इलाकों में कुएं सूखने लगे हैं और बोरिंग जवाब देने लगे हैं. ऐसे में रांची नगर निगम के टैंकर लोगों के लिए पेयजल का एकमात्र सहारा बने हुए हैं. मार्च के पहले सप्ताह में राजधानी में जलसंकट प्रभावित मोहल्लों की संख्या 40 थी. वहीं, 15 अप्रैल को जलसंकट से प्रभावित जगहों की संख्या 177 हो गयी है. नगर निगम के टैंकर इन जगहों पर रोजाना दो बार पानी बांट रहे हैं. इस बीच नगर निगम ने इस वर्ष 20 नये टैंकर खरीदने की योजना बनायी है.
पाइपलाइन क्षतिग्रस्त, पानी को तरस रहे एक लाख लोग : पटेल चौक के समीप क्षतिग्रस्त हुई पाइपलाइन की अब तक मरम्मत नहीं हुई. ऐसे में पिछले छह दिनों से कडरू, ओल्ड एजी कॉलोनी, अशोक नगर, अरगोड़ा, अशोक विहार व स्टेशन रोड की एक लाख से अधिक आबादी को पानी नहीं मिल रहा है. लोगों का कहना है कि इस भीषण गर्मी में पानी नहीं आने से उनकी पूरी दिनचर्या ही बदल गयी है.
स्वर्ण जयंती नगर, विद्यानगर, गंगा नगर, यमुना नगर, हरमू इमली चौक, हरमू हाउसिंग कॉलोनी एलआइजी, पुंदाग, जगन्नाथपुर मंदिर के समीप, बसरकोचा, धुर्वा, बिरसा चौक के आसपास के मोहल्ले, हटिया, चिरौंदी, बड़गाईं, एदलहातू, भीठा बस्ती, नीचे चुटिया, कडरू, खेत मोहल्ला, नेजाम नगर, हिंदपीढ़ी, पंचवटी मंदिर हनुमान गली, लोहरा कोचा, इलाही नगर, ढीपा टोली, सखूआ मैदान, कमला खटाल, चापू टोली, मुंडा कोचा पुंदाग, गिरजा टोली डिबडीह, पाहन टोली, सहदेव नगर, बैंक कॉलोनी सहित दर्जनों मोहल्ले.
झारखंड अलग राज्य के गठन के बाद पहली बार 15 अप्रैल 2023 को सबसे अधिक बिजली की मांग रही. इस दिन रिकार्ड 2800 मेगावाट बिजली की मांग रही. बताया गया कि दोपहर 3:00 बजे के करीब पूरे राज्य में बिजली की मांग में अचानक इजाफा हो गया. 2500 मेगावाट की जगह सीधे 2800 मेगावाट की मांग होने लगी. जबकि, बिजली की उपलब्धता केवल 2200 मेगावाट ही थी.
इस कारण दोपहर में रांची समेत राज्य के सभी हिस्सों में लोड शेडिंग करनी पड़ी. फिर पावर एक्सचेंज से बात की गयी, तो 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था हुई. हालांकि, शाम 6:00 बजे के बाद स्थिति नियंत्रण में आ गयी. मांग घटकर 2300 से 2400 मेगावाट के बीच रही. इसके बावजूद राज्य के सभी हिस्सों में लोड शेडिंग की जा रही थी.
बताया गया कि डीवीसी कमांड एरिया में भी 15 अप्रैल को 600 मेगावाट की जगह 700 मेगावाट की खपत होने लगी. हालांकि, डीवीसी अपने कमांड एरिया में 700 मेगावाट की आपूर्ति करने लगा. हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद के ग्रामीण इलाकों में लोड शेडिंग की शिकायत मिली है. इधर, डीवीसी कमांड एरिया से बाहर दोपहर में 2100 मेगावाट तक मांग रही.
शाम छह बजे के बाद मांग घटकर 1600 से 1700 मेगावाट के बीच रही. इस दौरान पावर एक्सचेंज से जेबीवीएनएल द्वारा 241 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली जा रही थी. जेबीवीएनएल के पास अपनी बिजली 1576 मेगावाट थी. हालांकि, शाम के समय शहरी इलाकों को लोड शेडिंग से मुक्त रखने का निर्देश दिया गया. बताया गया कि शाम के समय फुल लोड आपूर्ति की जा रही थी.