मुजफ्फरपुर: रमजान का तीसरा अशरा शुरू हो गया है. इस अशरा का उद्देश्य जहन्नुम की आग से खुद को सुरक्षित रखना है. इस दौरान हर रोजेदार जहन्नुम से बचने के लिए अल्लाह से दुआ कर रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि तीसरे अशरे में रोजेदार दिल से दुआ मांगते हैं, तो वह कबूल होता है. तीसरे अशरे को जहन्नुम से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है. इस अशरे में कुछ लोग मस्जिदों में रह कर अल्लाह से दुआ कर रहे हैं.
सैयद असद यावर साहब ने कहा है कि रामजाननुल मुबारक का पूरा महीना रहमत बरकत और गुनाहों से निजात है. इस माह में अल्लाह की और बरकत बरसती है. रमजान के लम्हा की बराबरी 11 महीने नहीं कर सकते. इस महीने में नेकी का सबाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है और जहन्नुम के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं. इस महीने में सुन्नत और मुस्तहाब अमल का सवाब वाजिब और फर्ज के बराबर किया जाता है. ये महीना सब्र का महीना और सब्र के बदला जन्नत है. इस महीने में रोजेदार को इफ्तार करने का बहुत सबाब है. इफ्तार करने पर रोजे के बराबर का सबाब मिलता है. इधर, तीसरे अशरे की शुरुआत के साथ घरों में ईद की तैयारी भी तेज हो गयी है.
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भारतीय त्योहारों के आगमन का अनुमान बाजार की रौनक देखकर ही लगाया जा सकता है.जैसे-जैसे ईद नजदीक आ रहा है, बाजार में रौनक बढ़ती जा रही है. जानकारों की मानें तो इस साल ईद 22 अप्रैल को मनाए जाने की संभावना है. ईद की तारीख को नजदीक आता देख तेज धूप भी में रोजेदार रोजा रख कर बाजार में खरीदारी भी कर रहे हैं. बाजार भी ईद की खरीददारी के लिए पूरी तरह से तैयार है. लोग त्योहार के उत्साह में सुबह से खरीददारी के लिए बाजार आ रहें हैं और रात तक बाजार में चहल पहल बरकरार रह रहा है.