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अतीक अहमद के हत्यारे सनी सिंह के इस बड़े गैंग से जुड़े तार, 23 साल की उम्र में गया था जेल, जानिए क्राइम कुंडली

पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद हमीरपुर के कुरारा का रहने वाले सनी सिंह उर्फ मोहित उर्फ पुराने का नाम काफी चर्चा में बना हुआ है. साल 2015 में सनी जब 23 वर्ष का था उस समय वह गोलीबारी के मामले में जेल गया था, तब से वह अपराधी बन गया और साल 2016 में उसने जरायम की दुनिया में कदम रखा.

Kanpur: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या के बाद एक आरोपित सनी का एक बड़े गैंग से कनेक्शन सामने आया है. सनी ने किस तरह से जरायम की दुनिया में कदम रखा और उसकी गैंग के सरगना से कैसे मुलाकात हुई, इसकी जांच पड़ताल में पुलिस की टीमें जुट गई हैं.

अतीक के हत्यारे सनी की क्राइम कुंडली

पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद हमीरपुर के कुरारा का रहने वाले सनी सिंह उर्फ मोहित उर्फ पुराने का नाम काफी चर्चा में बना हुआ है. साल 2015 में सनी जब 23 वर्ष का था उस समय वह गोलीबारी के मामले में जेल गया था, तब से वह अपराधी बन गया और साल 2016 में उसने जरायम की दुनिया में कदम रखा. तीन साल में उसके खिलाफ 14 मुकदमे दर्ज हो गए. वर्ष 2019 में उसकी हिस्ट्रीशीट खुल गई तब से वह हिस्ट्रीशीटर (गैंगस्टर) बन गया. सनी के खिलाफ थाना कुरारा में 13 और सदर कोतवाली में एक मामला दर्ज है. गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट की भी कार्रवाई की जद में भी वह आया.

2016 में थाने के गेट पर दागी थी गोलियां

बताते चलें कि हमीरपुर के रहने वाले सनी सिंह उर्फ पुराने पर 2016 में लूट का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसे लेकर पुलिस उसकी तलाश करने लगी थी. एक दिन पुलिस उसके घर दबिश देने गई थी. इस दौरान पुलिस ने उसके घर में जाकर गालीगलौज कर दी. इससे गुस्साए सनी ने कुछ दिन बाद थाने के गेट पर ही हवाई फायरिंग कर दी. कुछ दिन बाद पुलिस ने सनी को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. उसके अगले दो सालों में सनी हिस्ट्रीशीटर बन गया.

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13 महीने कानपुर की जेल में रहा था सनी

सनी को 31 जनवरी 2020 को हमीरपुर की जेल से कानपुर जेल लाया गया था और 3 अप्रैल 2021 को वह जमानत पर रिहा हुआ था. उस वक्त तक उसके खिलाफ दो हत्या के प्रयास, एक मामला मादक पदार्थ, एक मामला धोखाधड़ी, एक मामला आर्म्स एक्ट, एक लूट का और एक मामला गैंगस्टर का भी दर्ज हुआ था. जेल अधीक्षक डॉ बीडी पाण्डेय ने बताया कि सनी 13 माह तक कानपुर की जेल में रहा था. सनी को हमीरपुर की जेल से प्रशासनिक आधार पर कानपुर जेल लाया गया था. सनी के हाव भाव यहां भी नहीं बदले थे. सूत्रों के मुताबिक वह यहां पर अन्य कैदियों से झगड़ा करता था. जेल अधीक्षक का कहना है कि जो बंदी प्रशासनिक आधार पर दूसरे जिलों से ले जाते हैं, उन्हें विशेष निगरानी में रखा जाता है. सनी को भी इसी तरह रखा गया था.

सुंदर भाटी का गुर्गा बनकर पश्चिम में हुआ सक्रिय

वर्ष 2015 में सनी गोलीबारी के मामले में हमीरपुर जेल गया था. उन्हीं दिनों नोएडा के बड़े अपराधी सुंदर भाटी को गिरफ्तार कर हमीरपुर जेल भेजा गया था. इस दौरान सनी ने अपराधी सुंदर भाटी से मुलाकात कर नजदीकी बनाई थी. कुछ ही दिनों में सनी ने सुंदर भाटी का भरोसा जीत लिया था और भाटी का खास गुर्गा बन गया. सुंदर भाटी के माध्यम से ही सिपहसालार सिंहराज भाटी और शूटर ऋषिपाल से भी उसकी दोस्ती हो गई थी. वे दोनों उन दिनों ललितपुर और बांदा जेल में लाए गए थे. ये भी कहा गया है कि सनी की जमानत भी उसके परिवार ने नहीं बल्कि भाटी के लोगों ने कराई थी.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी

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