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झारखंड को शूटिंग हब बनाने में जुटे पलामू के राहुल कुमार शुक्ला, मुंबई में है खुद की फिल्म मेकिंग कंपनी

पलामू के राहुल कुमार शुक्ला झारखंड को शूटिंग हब बनाने में जुटे हैं. मेदिनीनगर के रहने वाले राहुल की मुंबई में खुद की फिल्म मेकिंग कंपनी भी है. अब तक वे दो फिल्मों की शूटिंग पलामू में कर चुके हैं. अब रांची में कुमार राहुल फिल्म्स की ब्रांच खोले जाने की तैयारी है.

पलामू, सैकत चटर्जी. यूं तो पलामू सहित पूरा झारखंड फिल्म निर्माताओं के लिए आकर्षण, कौतुहल और पसंद का जगह रहा है और यहां कई अच्छी और चर्चित फिल्में बनी हैं, लेकिन अब झारखंड को एक शूटिंग हब बनाने के लिए राहुल कुमार शुक्ला प्रयासरत हैं.

राहुल कुमार शुक्ला पलामू के रहने वाले हैं. फिलहाल, उनका परिवार मेदिनीनगर में रहता है. खुद राहुल मुंबई में रहकर अपनी फिल्म निर्माण कंपनी चलाते हैं. हाल में वे एक हिंदी फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में पलामू आयें तो प्रभात खबर के साथ कई बातों को साझा किया. फिल्म निर्माता निर्देशक राहुल कुमार शुक्ला से हुई अंतरंग बातचीत के कुछ अंश आपको हम यहां बताएंगे. 

जानिए राहुल का पलामू कनेक्शन

राहुल पलामू के जाने माने शिक्षाविद और कवि विजय शुक्ला व शिक्षिका अनीता शुक्ला के पुत्र हैं. राहुल की प्रारंभिक शिक्षा बालूमाथ के विद्यावती आदर्श शिक्षा निकेतन से हुई. फिर रेहला हाई स्कूल में पढाई के बाद गिरिवर इंटर कॉलेज से इंटर करते हुए राहुल दिल्ली गए. दिल्ली में उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के साथ-साथ फिल्म मेकिंग में मास्टर डिग्री हासिल की. यहीं से उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ और वो मुंबई में आज एक मुकाम हासिल कर सके. 

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मुंबई में आसान नहीं रहा सफर 

फिल्म मेकिंग में मास्टर डिग्री हासिल कर मुंबई जाने वाले राहुल के लिए शुरुआती सफर कुछ आसान नहीं रहा. उन्होंने मुंबई में कई बड़े निर्देशकों के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम किया, वहां उन्हें काफी कुछ सिखने को मिला. सबसे पहले उन्होंने ‘नो वन किल्ल्ड जेसिका’ फिल्म में बतौर एडी काम किया. फिर लगातार यह सिलसिला चल पड़ा और वे अनुभव हासिल करते गए. लोगों से जान पहचान बनायी. धैर्य बनाये रखा. घर वालों का भी पूरा सपोर्ट मिला. इसी दौरान वे सोनी, जी, चैनल वी आदि चैनल के लिए भी कई सीरियल और शो के निर्देशन से जुड़े. इसी समय उन्होंने यूनिसेफ के लिए डॉक्यूमेंट्री व फिल्म मेकिंग का काम करना शुरू किया. 

नाटकों से भी रहा गहरा नाता

दिल्ली में फिल्म मेकिंग कोर्स करते हुए राहुल नाटकों से भी जुड़ गए और नाटकों से उनका गहरा नाता रहा. दिल्ली में रहते हुए उन्होंने हबीब तनवीर, अनुराधा डार जैसे निर्देशकों के सहायक के तौर पर काम किया. कई नाटकों में उन्होंने अभिनय भी किया. खुद के निर्देशन में भी उन्होंने कई नाटक किये. पर राहुल के अनुसार उन्हें अभिनय से ज्यादा निर्देशन का काम ही रास आया. मुंबई में रहने के दौरान भी उन्होंने नाटकों से नाता नहीं तोड़ा. अभी भी राहुल अपनी फिल्मों में अभिनय करने के लिए रंगकर्मियों को लेना पसंद करते है और उन्हें मौका भी देते है. 

2016  में खोली अपनी फिल्म मेकिंग कंपनी 

फिल्म की बारीकियों से रूबरू होने के बाद राहुल ने 2016 में एक बड़ा दांव खेला और अपनी खुद की फिल्म मेकिंग कंपनी खोल दी. अपनी यूनिट बनाई. कई लोगों को जोड़ा, रोजगार दिया. कंपनी खोलने के बाद उन्होंने कई विज्ञापन फिल्मों का भी निर्माण किया जो अभी तक जारी हैं. वे लगातार कई निर्देशकों के लिए अपनी कंपनी के माध्यम से फिल्म निर्माण का काम करते रहे. बतौर निर्देशक फिल्म इज शी राजू और उपन्यास से उन्हें सफलता मिली और पहचान भी. खास कर फिल्म उपन्यास जो की एक जटिल मेन्टल क्राइम थ्रिलर था में उनके निर्देशन को काफी सराहा गया.

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फिल्म उपन्यास की आधी शूटिंग पलामू में हुई थी 

राहुल बताते हैं कि फिल्म उपन्यास काफी मुश्किल हालात में बनकर तैयार हुई थी. इसके लिए पलामू का बड़ा योगदान रहा. उन्होंने प्रभात खबर से कहा कि जब इस फिल्म की शूटिंग की प्लानिंग हुई तो इसका पूरा शेड्यूल मुंबई का रहा था. फिल्म की आधी शूटिंग होते-होते पूरे देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन हो गया. राहुल भी अपने घर पलामू आ गए. निर्माण में काफी लंबा गैप हो गया. तभी उन्होंने सोचा कि बाकि फिल्म यही पूरी की जाए. लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिलते ही उन्होंने स्थानीय कलाकारों से संपर्क किया, कुछ साथियों को मुंबई से बुलाया और फिल्म के बचे हुए हिस्से को पलामू में पूरा किया. 

उपन्यास के बाद मेंही से किया वादा पूरा 

फिल्म उपन्यास की शूटिंग के दौरान ही उन्होंने पलामू के लोगों से वादा किया था की जल्द ही पलामू में दूसरी फिल्म लेकर आयेंगे. इसी के तहत उन्होंने फिल्म मेंही की पूरी शूटिंग पलामू में की. इस बायोपिक फिल्म के निर्देशक दीपक साह हैं, जबकि राहुल एक्सिक्यूटिव प्रोडूसर हैं. फिल्म मेंही में पलामू के करीब 200 कलाकारों ने विभिन्न भूमिकाओं में काम किया. उनके साथ कई बॉलीवुड स्टार ने भी पलामू आकर काम किया. राहुल ने प्रभात खबर से कहा है कि जल्द ही वे पलामू की धरती से उनकी खुद की कंपनी से एक बड़ी फिल्म लेकर आने वाले हैं, जिसमें बॉलीवुड के कई दिग्गज अभिनेताओं के साथ वे पलामू सहित झारखंड के अन्य कलाकारों को मौका मिलेगा. 

झारखंड को बनाना है शूटिंग हब

प्रभात खबर से राहुल ने कहा कि झारखंड में शूटिंग की काफी संभावना है. खास कर पलामू प्रमंडल का पूरा इलाका एक वर्जिन स्पॉट है. जल्द ही राहुल अपनी फिल्म कंपनी कुमार राहुल फिल्म्स का ब्रांच रांची में खोलने जा रहे हैं. इसके माध्यम से मुंबई के निर्माताओं को झारखंड में शूटिंग करने के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुंबई के काफी बड़े-बड़े निर्माता और निर्देशक झारखंड आना चाहते हैं, लेकिन जानकारी और भरोसा के अभाव के कारण वे नहीं आ पाते हैं. अब उन्हें एक भरोसा दिया जायेगा और उन्हें यहां आकर फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. 

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सरकार को संवेदनशील होना होगा

उन्होंने कहा कि फिल्म नीति के मामले में अभी उत्तर प्रदेश ने काफी सराहनीय काम किया है और वहां एक फिल्मी हब बन चुका है. झारखंड में फिल्म नीति तो है, लेकिन सरकार इसे लेकर संवेदनशील नहीं है. कुछ अधिकारी और अन्य प्रभावशाली लोगों की मदद से फिल्म की शूटिंग हो रही है. खासकर लातेहार और पलामू जिला प्रसाशन. पलामू टाइगर रिजर्व प्रवंधन इस मामले में काफी सहयोग करते हैं. इसी तरह अगर सरकार से भी नीति को पारदर्शी तरीके से समय सीमा के अंदर पूरा किया जाये तो झारखंड काफी जल्द उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ देगी.

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