G 7 Meeting: दुनिया के सात अमीर देशों के समूह जी 7 (G7) के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ प्रतिबंध बढ़ाने का संकल्प लिया है. जी-7 के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को खत्म हुई बैठक के बाद एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि हम रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ाने और उन्हें पूरी तरह लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, युद्ध अपराधों और नागरिकों तथा अहम बुनियादी ढांचों पर रूस के हमलों जैसे अन्य अत्याचारों के लिए कोई दंड मुक्ति नहीं हो सकती. मंत्रियों ने यूक्रेन को हर संभव सहयोग देते रहने पर भी सहमति जतायी.
जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन, ताइवान के साथ-साथ ग्लोबल साउथ देशों के साथ सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा की गयी. बैठक में सात अमीर देशों के शीर्ष राजनयिकों ने ताइवान को चीन की ओर से बढ़ती धमकियों तथा उत्तर कोरिया द्वारा लंबी दूरी की मिसाइलों के अनियंत्रित तरीके से परीक्षण करने पर सख्त रुख अपनाने का संकल्प लिया है. जापान में एकत्रित हुए राजनयिकों की चर्चा का सबसे बड़ा एजेंडा रूस-यूक्रेन युद्ध पर ही केंद्रित रहा. इस बैठक का उद्देश्य अगले महीने हिरोशिमा में होने वाली जी-7 देशों के नेताओं की बैठक का आधार तैयार करना था.
रूस के कदमों का सख्त विरोध जरूरी- जापान: बैठक में जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि यूक्रेन में चल रही लड़ाई पर दुनिया एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है और उसे जबरन यथास्थिति बदलने के रूस के प्रयासों का विरोध करना चाहिए. यहीं नहीं यूक्रेन के खिलाफ रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकियों का भी पुरजोर विरोध करना चाहिए.
चीन भी बनता जा रहा चुनौती: जी 7 की बैठक में कहा गया कि यह बैठक ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के साथ ही चीन से निपटने की कोशिश की जा रही हैं. इन दोनों मुद्दों को लेकर जी-7 के देशों का मानना है कि यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. इसी कड़ी में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ यात्रा पर आए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन की कोशिश इस वार्ता के जरिए यूक्रेन के लिए अधिक से अधिक समर्थन जुटाना है.