लखनऊ. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( NHRC) ने गैंगस्टर से राजनेता बने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में मौत के मामले पर संज्ञान ले लिया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश पुलिस के पुलिस महानिदेशक (DGP) और पुलिस आयुक्त, प्रयागराज (CP) को नोटिस जारी किया है. दोनों अधिकारियों को चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देनी है. पुलिस कस्टडी में हत्या के इस मामले की शिकायत मिलने पर ये कार्रवाई की गयी है. आयोग ने रिपोर्ट हिन्दी या अंग्रेजी में मांगी है. नोटिस में यह तक लिखा है कि रिपोर्ट के सभी दस्तावेज सुपाठ्य होने चाहिए.
देशभर में चर्चित हत्याकांड पर आने वाली शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी और पुलिस कमिश्नर प्रयागराज से करीब 15 बिन्दुओं पर रिपोर्ट मांगी है. दोनों को माफिया भाइयों को मौत की ओर ले जाने वाले कारणों का ब्यौरा देना है. डीजीपी को अपनी रिपोर्ट में आयोग को यह बताना होगा कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को कस्टडी में कितने बजे और किस जगह से लिया गया था. किस कारण से पुलिस ने यह किया. विस्तृत रिपोर्ट में अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ तथा उनकी हत्या के बाद दर्ज की गईं शिकायत और प्राथमिकी की कॉपी भी मांगी है.
अतीक की हत्या के वीडियो फुटेज के साथ बिसरा रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का क्या कारण है. एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर मृत्यु का अंतिम कारण क्या है. मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट क्या कहती है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पोस्टमार्टम की वीडियो कैसेट- सीडी भी मांगी है. आयोग ने यूपी पुलिस से यह भी पूछा है कि अतीक और अशरफ को कस्टडी में लेने के बाद क्या उसकी सूचना परिवार के लोगों को दी थी. दोनों के पास से क्या- क्या जब्त हुआ था.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मेडिकल करने वाले डाक्टरों द्वारा हाथ से नहीं लिखी होनी चाहिए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट टाइप होनी चाहिए उसमें चोटों का विवरण विस्तार से होनी चाहिए. गौरतलब कि 15 अप्रैल 23 की रात प्रयागराज में मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाते समय अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बड़े अतीक के सिर और सीने में नौ गोलियां लगीं, जबकि अशरफ को पांच गोलियां लगीं.हमले को तीन शूटरों ने अंजाम दिया था, जिन्होंने वीडियो कैमरा, माइक और मीडिया पहचान पत्र ले जाने वाले मीडिया कर्मियों के रूप में पेश किया था.