बिहार के आरा सदर अस्पताल में एक कैदी की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि जब कैदी को सदर अस्पताल में लाया गया था तो उसके शरीर पर जख्म के कई गंभीर निशान थे. परिजनों का आरोप है कि एक दिन पहले जब उसे पकड़ा गया था तो वो बिल्कुल ठीक था. फिर पुलिस के कस्टडी में उसका सिर कैसे फूटा. पुलिसवालों की पिटाई से कैदी की मौत हुई है. कैदी की पहचान गजराजगंज ओपी क्षेत्र के बामपाली गांव निवासी अलख यादव के पुत्र मुन्ना यादव के रुप में हुई है.
बताया जा रहा है कि पुलिस ने 16 अप्रैल को मुन्ना को शराब के नशे में हंगामा करते हुए पकड़ा था. पुलिस के पकड़ने के बाद उसकी तबियत थोड़ी खराब हो गयी. इसके बाद, उसे इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल में लाया गया. जहां मुन्ना को कैदी वार्ड में रखा गया. मगर, आज सुबह अचानक उसकी मौत हो गयी. घटना की जानकारी घरवालों को मिलते ही, बड़ी संख्या में लोग वहां इक्ठा हो गए और जमकर हंगामा करने लगे. मृतक के चाचा हजारी यादव ने बताया कि मौत की सूचना के बाद हमलोग अस्पताल पहुंचे तो हमने शव को देखा, जिस पर कई जगह गंभीर चोट के निशान और सिर फूटा हुआ था. हाथ की उंगलियां भी कटी हुई थी.
शव देखने के बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट कर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरु कर दिया. वो मुआवजे की मांग कर रहे थे. गजराजगंज ओपी के थानाध्यक्ष ने बताया कि रविवार की शाम मृतक को डायल 112 की गाड़ी ने शराब के नशे में पकड़ा था. साथ में, उसके परिजन भी थे. जांच में शराब की पुष्टि होने के बाद सोमवार को उसे जेल भेज दिया गया. जहां उसकी तबियत खराब हो गयी. इसके बाद, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. शव का पोस्टमॉर्टम मजिस्ट्रेट की निगरानी में कराया जाएगा और रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट कारण पता चल पाएगा.