झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन ने 60: 40 नियोजन नीति को वापस कर झारखंडी हित में नियोजन नीति लागू करने की मांग को लेकर 19 अप्रैल को संपूर्ण झारखंड बंद बुलाया है. इसे देखते हुए शहर की सभी प्रमुख स्कूलों के प्रबंधन ने संस्थान बंद रखने की घोषणा कर दी है, जबकि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की 11वीं बोर्ड समेत विवि की परीक्षाएं स्थगित कर दी गयी हैं.
डीएसपीएमयू में 19 अप्रैल को होनेवाली यूजी सेमेस्टर फाइव और पीजी सेमेस्टर थ्री की परीक्षा स्थगित कर दी गयी है. ये परीक्षाएं अब 24 अप्रैल को होंगी.
बीएयू में सब्जेक्ट मेटर स्पेशलिस्ट (एसएमएस) का 18 अप्रैल को होनेवाला इंटरव्यू स्थगित कर दिया गया है. इसके अलावा एग्रोमेट ऑब्जर्वर की नियुक्ति के लिए 24 अप्रैल को होनेवाला इंटरव्यू भी स्थगित कर दिया है.
इससे पहले छात्राें ने बंद की पूर्व संध्या पर मशाल जुलूस निकाला. मशाल जुलूस जयपाल सिंह स्टेडियम से शाम साढ़े छह बजे निकला और अलबर्ट एक्का चौक पहुंचा. वहां छात्र देर तक नारे लगाते रहे. वहीं स्टेडियम से लेकर अलबर्ट एक्का चौक तक काफी संख्या में पुलिस बल तैनात थी.
यमुनेश व अन्य छात्रों ने कहा कि 40 फीसदी सीटें पूरे देश के अभ्यर्थियों के लिए खोल दी गयी हैं, जबकि स्थानीयता की बात होनी चाहिए थी. सरकार सबसे पहले परिभाषित करे कि झारखंडी कौन है. जब यह परिभाषित हो जाये, तब नियोजन नीति बनाये. आकस्मिक सेवाओं को इस बंद से मुक्त रखा गया है. मशाल जुलूस में छात्र नेता मनोज यादव, योगेश भारती, सुशील उरांव, अमनदीप मुंडा, सुमित उरांव, पप्पू, चंदन, सूरज मंडल, रवींद्र, हीरालाल, लक्की रामू मौजूद थे.
आदिवासी अधिकार रक्षा मंच ने झारखंड सरकार की 60:40 की स्थानीय नियोजन नीति के खिलाफ 19 अप्रैल के झारखंड बंद को अपना नैतिक समर्थन दिया है. संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि हेमंत सरकार का 60:40 का फार्मूला आदिवासी, मूलवासी और झारखंड विरोधी है.
उन्होंने कहा कि स्थानीय नियोजन नीति राज्य के लिए होती है, फिर इसका बंटवारा क्यों? इधर झारखंड आंदोलनकारी सह मूलवासी सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने भी 19 अप्रैल के झारखंड बंद को समर्थन देने की घोषणा की है.