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औरंगाबाद: लाल आतंक के गलियारे से स्मार्ट क्लास तक का सफर, संवर रहा बच्चों का जीवन

मदनपुर प्रखंड का नक्सलग्रस्त चाल्हो जोन स्थित पिरवा गांव जहां एक समय में लाल आतंक का साया था. वहां बदलते समय के साथ-साथ इलाके की तस्वीर भी बदली है. जहां कभी युवक हथियार पकड़ते थे. वहां अब स्मार्ट क्लास से उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपने भविष्य को संवार रहे हैं.

विनय कुमार सिंह, मदनपुर. मदनपुर प्रखंड का नक्सलग्रस्त चाल्हो जोन स्थित पिरवा गांव जहां एक समय में लाल आतंक का साया था. वहां बदलते समय के साथ-साथ इलाके की तस्वीर भी बदली है. जहां कभी युवक हथियार पकड़ते थे. वहां अब स्मार्ट क्लास से उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपने भविष्य को संवार रहे हैं. इस इलाके की युवतियां भी अब युवकों से पीछे नहीं है. लड़कियां भी अपने घरों से निकल कर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. पिरवा मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर 2012 में उच्च माध्यमिक विद्यालय कर दिया गया था. तभी से विद्यालय में एक शिक्षक की नियुक्ति है. इनके भरोसे ही स्कूल का संचालन किया जा रहा था. लेकिन, जब से बिहार सरकार की उन्नयन बिहार योजना का क्रियान्वयन हुआ है. स्थिति बदली है स्कूल के छात्र पूरी लगन के साथ स्मार्ट क्लास से अपने सभी विषयों की समस्या का समाधान प्राप्त कर रहे हैं. दो दशक पहले बच्चे पढ़ने के बजाय हथियार चलाना सीखते थे.

बच्चों ने कलम को ही अपना हथियार बना लिया है

सरकार की योजनाओं के बदौलत अब बच्चे कलम और स्मार्ट क्लास से पढ़ाई कर अपना भविष्य उज्ज्वल कर रहे हैं. बच्चों ने कलम को ही अपना हथियार बना लिया है. प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित उच्च विद्यालय पिरवा में मात्र एक शिक्षक सामाजिक विज्ञान के हैं. छात्रों को अन्य विषयों को पढ़ाई करने में काफी दिक्कत होती थी. उन्नयन योजना के तहत इस विद्यालय में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई होने के कारण छात्र अन्य विषयों की पढ़ाई कर लेते हैं. विद्यालय के छात्राओं ने बताया कि एक शिक्षक के भरोसे हम लोग पढ़ाई होती थी. इसके कारण कोर्स पूरा नहीं होता था. हम लोग को पढ़ाई में दिक्कत होती थी. कोचिंग का सहारा लेना पड़ता था. अब स्मार्ट क्लास में सभी विषयों की पढ़ाई हो जाती है.

स्मार्ट क्लास से बदली हाइस्कूल की सूरत

सरकारी स्कूलों में शुरू स्मार्ट क्लास से हजारों बच्चों को लाभ मिल रहा है. इसके लिए सरकार द्वारा आधुनिक टेक्निकल संसाधन उपलब्ध करवाये गये हैं. साथ ही शिक्षकों को पटना में स्पेशल ट्रेनिंग दिया गया है. फिलहाल प्रखंड के 10 हाइ स्कूलों में संचालित स्मार्ट क्लास से हजारों बच्चे डिजिटल माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जहां बच्चों को आधुनिक पद्धति से कोर्स की बारीकियों को समझाया जाता है. इससे बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ने के साथ-साथ उसे पढ़ लिख कर आगे बढ़ने में मदद मिलती है.

क्या कहते हैं प्राचार्य

प्राचार्य संजय मिश्रा ने बताया कि स्मार्ट क्लास की योजना आने के कारण बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है. स्मार्ट क्लास शुरू होने से आगामी मैट्रिक परीक्षा में छात्रों को बहुत मदद मिलेगी. विद्यालय में 10वीं में 104 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं, जबकि नवमी में नामांकन शुरू है.

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